बाढ़ के खौफ से मकानों पर चला 'हथौड़ा'

मंडावर (बिजनौर) : उत्तराखंड की गोद में बसे रामसहायवाला को गंगा के बाढ़ से बचाने के लिए ि

By JagranEdited By: Publish:Tue, 31 Jul 2018 10:23 PM (IST) Updated:Tue, 31 Jul 2018 10:23 PM (IST)
बाढ़ के खौफ से मकानों पर चला 'हथौड़ा'
बाढ़ के खौफ से मकानों पर चला 'हथौड़ा'

मंडावर (बिजनौर) : उत्तराखंड की गोद में बसे रामसहायवाला को गंगा के बाढ़ से बचाने के लिए बिजनौर प्रशासन के हवाई दावे से आहत ग्रामीणों ने अपने खून पसीने की कमाई से बनाए गए मकानों पर हथौड़ा चलाना शुरू कर दिया है। आधा दर्जन लोगों ने अपने मकान तोड़कर अन्यत्र पलायन कर दिया है। अन्य लोग भी मकान तोड़कर गांव से जाने की तैयारी में है। कुंदनपुर टीम ग्राम पंचायत के गांव रामसहायवाला में करीब डेढ़ सौ परिवार है। गांव की आबादी करीब 800 है। पाल बाहुल्य आबादी वाले इस गांव का इतिहास करीब 50 साल पुराना है। पेशे से कृषि कार्य से आजीविका चलाने वाले इस गांव के लोग ने विगत वर्षों में गंगा के काफी दूर होने के कारण अपने पक्के मकान बना लिए थे,

लेकिन धीरे-धीरे कटान करती हुई गंगा अब इनके करीब तक पहुंच गई है। वयोवृद्ध गोबर्धन पाल बताते हैं कि पहले गंगा काफी दूर बहती थी। अब तो तबाही बनकर नजदीक आ गई है। गंगा का पानी बंधा तोड़कर मकान तक पहुंचे इससे पहले गांव निवासी समर ¨सह, विनोद, राम ¨सह, जगदीश पाल ने अपने-अपने मकान तोड़ दिए हैं। समर ¨सह मकान तोड़कर ईंट व सरिया लादकर ट्रैक्टर से अन्यत्र पलायन कर दिया। उनका कहना है कि पसीने की कमाई से मकान बनाया था। अब खुद ही मकान पर हथौड़ा चलाकर तोड़ना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि बिजनौर प्रशासन से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। गांव से पलायन के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं बचा है। कई ग्रामीणों के पास गंगा से दूर जमीन भी नहीं है, जिसमें वह अपना ठिकाना बना सके। उनका कहना है कि फिलहाल वह गांव से सुरक्षित स्थान पर जा रहे हैं। बाद में पानी घटने पर देखेंगे।

प्राथमिक स्कूल पर लटका ताला

गंगा में पानी बढ़ते देख शिक्षा विभाग ने गांव में प्राथमिक स्कूल की छुट्टी कर दी है। पिछले तीन दिनों से स्कूल में ताला लटका हुआ है। बच्चे पढ़ने नहीं आ रहे हैं। साथ ही बारिश व बाढ़ के कारण रास्ते पर जलभराव से शिक्षक स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं।

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