कमजोर इंतजाम से बाढ़ नियंत्रण की तैयारी

बरसात में गंगा और सहायक नदियां काफी नुकसान करती हैं। बरसात सिर पर है लेकिन बाढ़ नियंत्रण के इंतजाम कमजोर हैं। खो नदी पर तीन करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन चार परियोजनाओं का काम अभी पूरा नहीं हो सका है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 10:46 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 10:46 AM (IST)
कमजोर इंतजाम से बाढ़ नियंत्रण की तैयारी
कमजोर इंतजाम से बाढ़ नियंत्रण की तैयारी

बिजनौर, जेएनएन। बरसात में गंगा और सहायक नदियां काफी नुकसान करती हैं। बरसात सिर पर है, लेकिन बाढ़ नियंत्रण के इंतजाम कमजोर हैं। खो नदी पर तीन करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन चार परियोजनाओं का काम अभी पूरा नहीं हो सका है। गंगा नदी की बाढ़ नियंत्रण की दो परियोजनाओं को अभी तक बजट नहीं मिला है। प्रशासन और सिचाई विभाग बाढ़ इंतजाम का पूरा दावा कर रहा है।

जिलेभर में 14 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। 15 जून से सक्रिय हो चुकी है। लगातार संभावित बाढ़ प्रभावित गांवों का भी अधिकारी दौरा कर रहे हैं। हालांकि, बाढ़ नियंत्रण की तमाम परियोजनाएं शायद समय से पूरी नहीं हो पाएगी। जनपद से गंगा और उसकी सहायक नदियां होकर गुजरती हैं। कुछ बरसाती नदियां भी हैं। जिन में बरसात होने पर ही पानी आता है, जिले में सबसे ज्यादा गंगा, मालन और खो नदी से खतरा बना रहता है गंगा नदी के किनारे 25 गांव हैं। जिनमें बाढ़ और कटान रहता है। इस बार बाढ़ नियंत्रण विभाग ने शासन को दो करोड़ रुपए के प्रस्ताव बनाकर भेजे थे जिनमें अभी तक केवल 20 लाख का बजट मिल पाया है। इतनी रकम से स्टड बल्ला पाइलिग और मिट्टी के कट्टे भरकर लगाए जाना आदि काम शामिल थे। बाकी बजट कब मिलेगा यह अभी तय नहीं है। खो नदी की परियोजनाएं अभी पूरी नहीं

नंद गांव के पास 60 लाख रुपए की लागत से कटान निरोधक काम कराए जा रहे हैं। खो नदी पर ही एक करोड़ 20 लाख रुपए की लागत से कटान निरोधक काम कराए जा रहे हैं। वही 65 लाख रुपए की लागत से मुकरपुरी में भी कटान निरोधक काम कराए जा रहे हैं। गंगा नदी के किनारे बसे गौसपुर गांव के आसपास स्टड बनाए की योजना अधर में हैं। कई गांवों पर रहता है बाढ़ का खतरा

नजीबाबाद क्षेत्र बरसाती नदियों से जुड़ा है। नजीबाबाद क्षेत्र के बीरूवाला, चंदनपुरा, खैरुल्लापुर, शाहपुर, अलीपुरा समेत कई गांव हैं। जहां हर साल वर्षाकाल में नदी में उफान आने पर कटान होता है। बचाव कार्य अभी अधूरा ही पड़ा है। बुधवार देर रात माल नदी में अचानक जलस्तर बढ़ गया। जिससे पलेज पानी में डूब गईं। हस्तिनापुर के मध्य गंगा नदी पर पुल बन जाने से खादर क्षेत्र दो भागों में विभाजित हो गया। एक हिस्से में आने वाले गांव दतियाना, सुजानपुर खादर, स्याली, मुजफ्फरपुर खादर, जमालुद्दीनपुर में तो बाढ़ अब कम तबाही मचाती है, लेकिन दूसरे भाग में रायपुर खादर, जलालपुर, सीकरी बलियानंगली आदि गावों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। तटबंध नहीं बन सका है। -

इन्होंने कहा -

खो नदी पर चार जगह बाढ़ नियंत्रण का काम चल रहा है। यह चारों परियोजना अभी निर्माणाधीन है। तेजी से काम चल रहा है। मानसूनी बारिश से पहले पूरा कर लिया जाएगा। बरसात के बाद तटबंध और अन्य निर्माण पूरे कर लिए जाएंगे। बाढ़ चौकियां पूरी तरह सक्रिय हैं। कंट्रोल रूम बना दिया गया है।

- रामबाबू, अधिशासी अभियंता एवं बाढ़ नियंत्रण अधिकारी।

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