फसलों को खाद की मिलेगी पूरी डोज

मानसून के साथ ही खरीफ की फसलों का सीजन भी आ चुका है। वर्तमान में किसान धान की रोपाई को नर्सरी और अगले गन्ना सीजन के लिए गन्ना अछा पैदावर निकालने को खेती कार्य में जुटे हुए हैं। पिछले सप्ताह खाद न मिलने पर कई समितियों पर खाद न होने पर किसानों ने प्रदर्शन किया था। अब जिले में खाद की कमी नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 10:26 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 10:26 PM (IST)
फसलों को खाद की मिलेगी पूरी डोज
फसलों को खाद की मिलेगी पूरी डोज

बिजनौर, जेएनएन। मानसून के साथ ही खरीफ की फसलों का सीजन भी आ चुका है। वर्तमान में किसान धान की रोपाई को नर्सरी और अगले गन्ना सीजन के लिए गन्ना अच्छी पैदावार निकालने को खेती कार्य में जुटे हुए हैं। पिछले सप्ताह खाद न मिलने पर कई समितियों पर खाद न होने पर किसानों ने प्रदर्शन किया था। अब जिले में खाद की कमी नहीं है। जून माह का निर्धारित लक्ष्य 65140 मीट्रिक टन के सापेक्ष गत शनिवार तक 63606 मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति प्राप्त हो चुकी है। 22 जून को तीन हजार मीट्रिक टन यूरिया की रैक उपलब्ध हो जाएगी।

धान की रोपाई के लिए किसान धान की नर्सरी तैयार कर रहे है. यहां बरसात शुरु होने के उपरांत ही धान की रोपाई की जाती है। साथ ही चारे की बुआई की जाती है. फसल चाहे खरीफ की हो या रबी की सबके लिए खाद अत्यंत जरूरी होता है. पिछले सप्ताह यूरिया का संकट को लेकर किसानों ने प्रदर्शन किये। किसान संगठन भी खाद उपलब्ध कराने को अधिकारियों से मिलें। जनपद में इफको यूरिया आयातित की एक रैक 3194 मीट्रिक टन आ रहा है. कृभको यूरिया आयातित की एक रैक मात्रा 3000 मीट्रिक टन 22 जून 2021 को लगेगी।

जिला कृषि अधिकारी डा. अवधेश मिश्रा ने बताया कि जून माह तक निर्धारित लक्ष्य 65140 मीट्रिक टन के सापेक्ष 63606 मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति जनपद को प्राप्त हो चुकी है. इस प्रकार जनपद में यूरिया की कमी नहीं है. उन्होंने किसानों से यूरिया के अन्य विकल्प जैसे नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले जीवाणु खाद, तरल जैव उर्वरक, जल विलय उर्वरक आदि का प्रयोग कर पौधों की नाइट्रोजन पोषक तत्व की आवश्यकता की पूर्ति कराने का आह्वान किया।

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