गन्ने की फसल पर मंडरा रहा तना भेदक कीट

गन्ना फसल पर तना भेदक कीट का खतरा मंडरा रहा है। मटमैले रंग का कीट गन्ने के पौधे के तने में पहुंचकर उसे खाकर सूखा रहा है। उक्त रोग पर समय से नियंत्रण न होने से फसल का उत्पादन 25 से 30 प्रतिशत घटने की संभावना है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 10:18 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 10:18 AM (IST)
गन्ने की फसल पर मंडरा रहा तना भेदक कीट
गन्ने की फसल पर मंडरा रहा तना भेदक कीट

बिजनौर, जेएनएन। गन्ना फसल पर तना भेदक कीट का खतरा मंडरा रहा है। मटमैले रंग का कीट गन्ने के पौधे के तने में पहुंचकर उसे खाकर सूखा रहा है। उक्त रोग पर समय से नियंत्रण न होने से फसल का उत्पादन 25 से 30 प्रतिशत घटने की संभावना है।

गांव पैजनियां, मलपुरा, खासपुरा, सोतखेड़ी, पावटी, लाडनपुर, धनौरी, उमरी, सेलपुरा, हताई आदि गांवों के जंगलों में गन्ने की फसल तना भेदक कीट की चपेट में आनी शुरू हो गई। कीट गन्ने के पौधे के तने को अंदर ही अंदर खाकर नष्ट कर देता है। कुछ दिन बाद रोग ग्रस्त पौधा सूख जाता है। पौधे के अंदर से सूखी हुई गोभ ऊपर की ओर खींचने पर आसानी से निकल जाती है। गोभ के अंदर सूंघने पर सिरके जैसी दुर्गध आती है। इसी गोभ के अंदर कीट मौजूद होता है। रोग पर समय से नियंत्रण न होने पर किसानों को फसल के नुकसान का खतरा मंडरा रहा है। किसान धर्मेद्र सैनी, अवनीश त्यागी, मनोज त्यागी, राजवीर सिंह, अतुल त्यागी, रोहताश सिंह, कलीराम सिंह, कपिल कुमार पाल आदि अनेक किसानों का कहना है कि उनकी गन्ने की फसल को तना भेदक कीट ने नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है। ऐसे में उक्त किसानों को गन्ने की फसल बर्बाद होने की चिता सताने लगी है। कृषि रक्षा इकाई प्रभारी राकेश राणा ने बताया कि तना भेदक कीट पर नियंत्रण पाने के लिए किसानों को रासायनिक दवाइयों में डाईमोथ्रोएट और क्लोरो प्लस साइफर और जैविक में विवेरियोवेसियाना दवाई का निर्धारित मात्रा में गन्ना फसल में समय से स्प्रे और छिड़़काव करें, जिससे रोग से निजात पा सकते हैं।

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