किसानों ने काले झंडे फहराए, कृषि कानून की प्रतियां जलाईं
गाजीपुर बार्डर पर किसान आंदोलन के छह माह हो चुके हैं लेकिन आज तक किसानों की समस्याओं का हल नहीं निकला। इसके विरोध में किसान संयुक्त मोर्चा व भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर बुधवार को किसानों ने अपने घरों व चौराहों पर काले झंडे फहरा कर विरोध प्रदर्शन किया।
जेएनएन, बिजनौर। गाजीपुर बार्डर पर किसान आंदोलन के छह माह हो चुके हैं, लेकिन आज तक किसानों की समस्याओं का हल नहीं निकला। इसके विरोध में किसान संयुक्त मोर्चा व भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर बुधवार को किसानों ने अपने घरों व चौराहों पर काले झंडे फहरा कर विरोध प्रदर्शन किया।
उन्होंने काले कानून की प्रतियां भी जलाई। इस दौरान भाकियू ब्लाक अध्यक्ष दुष्यंत राणा, चौधरी कविराज सिंह, अजयपाल सिंह, यशपाल सिंह, दलवीर सिंह, सुरेंद्र सिंह, सोनू चौधरी आदि शामिल रहे।
वहीं किसान नेता आदित्य सिंह ने भी काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जनता विरोधी फैसले ले रही है। यह सरकार किसानों, मजदूरों, गरीबों, दलितों, महिलाओं, आदिवासियों, छात्रों, युवाओं, छोटे व्यापारियों की उपेक्षा कर रही है।
संवाद सहयोगी, चांदपुर: दिल्ली में चले रहे भाकियू के आंदोलन को छह माह बीतने को लेकर किसानों ने इसे काला दिवस के रूप में मनाया। क्षेत्र में भाकियू कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाकर प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
बुधवार को किसानों ने नारनौर, दतियाना, खानपुर, बेगमपुर, रावटी, बागड़पुर, अज्जु नंगली, रौनिया, अकबरपुर, अहरौला, कौशल्या, वाजिदपुर, रूपपुर, दरबाड़ा, सराय, तालपुर, हिलालपुर, रुस्तमपुर, हिरनाखेड़ी, ककराला आदि गांवों में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। किसानों ने सरकार पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। इस अवसर पर लुधियान सिंह, रामपाल सिंह, शीशपाल सिंह, रोहिताश सिंह, मुखिया रामफल सिंह, वरुण गुर्जर, कैलाश, वेदपाल सिंह, प्रमोद कुमार आदि शामिल रहे। उधर, जलीलपुर में दर्जनों किसान हाथों में काले झंडे लेकर ब्लाक चौराहे पर एकत्र हुए। वहां काले झंडे दिखाकर कृषि कानून को वापस लेने की मांग की। उस्मान खान, हुकुम सिंह, कुलदीप सिंह, मेजर सिंह, सुखा सिंह, मिल्खा सिंह व रंजीत सिंह आदि किसान मौजूद रहे।