स्वजन ताउम्र नहीं भूल पाएंगे अपनों के खोने का दर्द

जेएनएन बिजनौर। देश भले ही कोरोना वायरस से जंग जीत जाए लेकिन इसके खात्मे से पहले जो दर्द लोग

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 10:03 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 10:03 PM (IST)
स्वजन ताउम्र नहीं भूल पाएंगे अपनों के खोने का दर्द
स्वजन ताउम्र नहीं भूल पाएंगे अपनों के खोने का दर्द

जेएनएन, बिजनौर। देश भले ही कोरोना वायरस से जंग जीत जाए, लेकिन इसके खात्मे से पहले जो दर्द लोगों को मिला है, उसे ताउम्र नहीं भुलाया जा पाएगा। इसकी वजह यह भी है कि अपनों को खोने के बाद लोग उनके अंतिम दर्शन भी नहीं कर पा रहे हैं और न ही विधि-विधान से अंतिम संस्कार कर पा रहे हैं।

कोरोना संक्रमण और तेज बुखार से मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। बैराज गंगा घाट पर अंतिम संस्कार को पहुंचने वाले शवों का सैकड़ा पार कर गया है। बुजर्गों की मानें तो सूर्यास्त के बाद अंतिम संस्कार करना वर्जित है, कितु कोरोना संक्रमण और तेज बुखार से मरने वालों की संख्या बढ़ने की वजह से बैराज गंगा घाट पर देर रात्रि तक शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। बैराज घाट की रखवाली कर रहे राम सिंह की मानें तो कोरोना काल और तेज बुखार की चपेट में आकर हो रही मौतों की वजह से बैराज गंगा घाट पर हो रहे शवों की संख्या सैकड़ा पार कर रही है।

नजीबाबाद : कोरोना संक्रमण से पीड़ित गुरुनानक मिशन इंटर कालेज के प्रधानाचार्य सत्यप्रकाश का उपचार के दौरान जिला अस्पताल में मृत्यु हो गई। विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष बलबीर सिंह का कहना है कि सत्यप्रकाश का अंतिम संस्कार नजीबाबाद में किया जाना था, लेकिन कोरोना से बचाव की गाइड लाइन का पालन करने की वजह से उनका अंतिम संस्कार बैराज गंगा घाट पर किया गया। इस कारण उनके कई स्वजन और परिचित उनके अंतिम संस्कार में शामिल होना, तो उनके अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाए। यहीं वजह उनके स्वजन खोने के दर्द ताउम्र नहीं भूल पाएंगे। वहीं नजीबाबाद-हरिद्वार मार्ग पर मालन नदी के तट पर स्थित मालिनी श्मशानघाट पर अंतिम संस्कार के लिए कम शव पहुंच रहे हैं।

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