निर्यात सब्सिडी से होगी बकाया भुगतान की राह आसान

चीनी मिलों को चीनी के बफर व निर्यात को सब्सिडी मिली है। इस सब्सिडी से किसानों के बकाया भुगतान जल्दी होने की पूर्ण संभावना है। विदेशों में चीनी बेचने पर चीनी मिलों को वहां कम दाम मिलते हैं इसलिए सरकार चीनी मिलों को निर्यात चीनी पर सब्सिडी देती हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 10:59 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 10:59 AM (IST)
निर्यात सब्सिडी से होगी बकाया भुगतान की राह आसान
निर्यात सब्सिडी से होगी बकाया भुगतान की राह आसान

जेएनएन, बिजनौर: चीनी मिलों को चीनी के बफर व निर्यात को सब्सिडी मिली है। इस सब्सिडी से किसानों के बकाया भुगतान जल्दी होने की पूर्ण संभावना है। विदेशों में चीनी बेचने पर चीनी मिलों को वहां कम दाम मिलते हैं, इसलिए सरकार चीनी मिलों को निर्यात चीनी पर सब्सिडी देती हैं।

किसानों ने तकनीकी का सहारा लिया और उन्नत बीज का चयन किया, तो जनपद में गन्ना उत्पादन बढ़ा है। यहीं नहीं गन्ना उत्पादन अच्छा पाने के लिए जिले में प्रदेश में अपनी पहचान बनाई हैं। चीनी मिलों ने चीनी उत्पादन के साथ अन्य उत्पाद बढ़ाएं हैं। जिले की कई चीनी मिले चीनी उत्पादन के साथ बी हैवी शीरा भी बना रही है। इससे 15 प्रतिशत चीनी का उत्पादन कम होता है। जिससे बाजार में चीनी कम आए और अच्छा दाम मिले, तो किसानों को भी समय पर भुगतान हो सकें। शासन के आदेश पर चीनी मिलों को चीन निर्यात को कहा गया। चीनी मिलों ने विदेशों में कम दाम पर भी चीनी बेची। जिला गन्ना अधिकारी यशपाल सिंह ने बताया कि बाजार में चीनी जाने से रोकने के लिए चीनी का बफर स्टाक कराया जाता है। चीनी मिलों के गोदाम में ही चीनी को रखवाया गया था। साथ ही निर्यात कराई गई। सरकार द्वारा बफर और निर्यात सब्सिडी दी है। चीनी मिलों को भी बफर और निर्यात सब्सिडी मिलेगी। इस सब्सिडी के पैसे से किसानों को बकाया गन्ना मूल्य भुगतान कराया जाएगा। इसके साथ ही चीनी निर्यात पर मिलों को 13913.30 लाख रुपये तथा बफर पर 1648.54 लाख रुपये दिये जाएंगे।

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