राष्ट्र के लिए चुनौती बन रही है ई-शिक्षा

नजीबाबाद में वाणी अखिल भारतीय हिदी संस्थान की ओर से शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Sep 2021 05:39 AM (IST) Updated:Sun, 05 Sep 2021 05:39 AM (IST)
राष्ट्र के लिए चुनौती बन रही है ई-शिक्षा
राष्ट्र के लिए चुनौती बन रही है ई-शिक्षा

जेएनएन, बिजनौर। नजीबाबाद में वाणी अखिल भारतीय हिदी संस्थान की ओर से शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर संगोष्ठी आयोजित हुई। डा. कीर्ति वर्धन अग्रवाल ने राष्ट्र के लिए ई-शिक्षा को चुनौतीपूर्ण बताया तथा इसके दुष्परिणाम पर चितित करने की सलाह दी।

वाणी अखिल भारतीय हिदी संस्थान की ओर से अध्यक्षा एवं संस्थापक रश्मि अग्रवाल की अध्यक्षता में आनलाइन संगोष्ठी आयोजित हुई। शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर ई-शिक्षा एवं शिक्षण संस्थान का गुणात्मक मूल्यांकन विषय पर आयोजित संगोष्ठी का रश्मि अग्रवाल ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया। मुख्य अतिथि मुजफ्फरनगर के डा. कीर्ति वर्धन अग्रवाल ने कहा कि भारत जैसे परंपरागत माध्यम से शिक्षा को बढ़ावा देने वाले राष्ट्र के लिए ई-शिक्षा चुनौती बनता जा रहा है। तकनीक का उपयोग उत्तम है, लेकिन अंधाधुंध प्रयोग उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें शिक्षा के व्यवसायीकरण को रोकना होगा तथा भारतीय संदर्भों में कैसे ज्ञानवर्धक बनें, उस पर विचार करना होगा। रमा अग्रवाल ने कहा कि कैसे हम शैक्षिक वातावरण में सुधार कर शिक्षा को विद्यार्थियों के लिए आसान और ज्ञानवर्धक बना सकते हैं।शिवानी अग्रवाल ने दोनों ही प्रकार की शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर जोर दिया। मीनाक्षी अग्रवाल ने समय के हिसाब से दोनों ही प्रकार की शिक्षा को उपयोगी बताया। रश्मि अग्रवाल ने कहा कि ई-शिक्षा वैश्विक बीमारी की देन है, लेकिन स्कूली शिक्षा का कोई तोड़ नहीं है। नीतू अग्रवाल ने कहा कि शिक्षा किसी भी माध्यम से ली जाए, पर गुणवत्ता के साथ समझौता नहीं होना चाहिए। डा. पूनम चौहान ने सरस्वती वंदना के साथ संगोष्ठी का समापन हुआ। रचना शास्त्री के संचालन में आयोजित संगोष्ठी में श्रोता के रूप में शिखा गुप्ता, ज्योत्सना भारती, मीरा मित्तल, सुमन चौधरी, सुशीला गोयल, सीमा कपूर, सविता अग्रवाल, डा. अंजु बंसल मौजूद रहीं।

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