पानी मिला तो पूरी होगी पूर्वी गंगनहर की मांग
बिजनौर जेएनएन। करोड़ों रुपये की लागत से बनी पूर्वी गंगनहर का पानी रबी की फसल के लिए नही
बिजनौर, जेएनएन। करोड़ों रुपये की लागत से बनी पूर्वी गंगनहर का पानी रबी की फसल के लिए नहीं मिलता। अब सिल्ट सफाई के दौरान बंद की गई गंगनहर का क्षमता से अधिक पानी डिस्चार्ज किया गया तो निश्चित रूप से पूर्वी गंगनहर में टेल तक पानी पहुंचेगा।
पूर्वी गंगनहर का पानी खरीफ की फसल की सिचाई के लिए 15 जून से 15 अक्टूबर तक उपलब्ध रहता है। वहीं 15 जून से पहले पूर्वी गंगनहर से जुड़ी बड़ी नहरों, रजवाहों और माइनरों की तलीझाड़ सफाई कराए जाने की व्यवस्था की गई है। इस साल भी खरीफ सीजन समाप्त होने के बाद 15 अक्टूबर को इन नहरों में पानी की सप्लाई बंद हो चुकी है। सिचाई विभाग के अफसरों की मानें तो 15 अक्टूबर से 15 नवंबर तक हरिद्वार में पूर्वी गंग नहर में सिल्ट सफाई का काम शुरू हो जाता है, लेकिन अभी पूर्वी गंगनहर में पानी डिस्चार्ज नहीं किया गया। नहरें बंद होने और पर्याप्त बिजली नहीं मिलने की वजह से किसानों को मजबूरी में डीजल इंजन से चलित पंपों के जरिए फसलों की सिचाई करनी पड़ रही है। अक्टूबर के प्रथम पखवाड़े में पूर्वी गंगनहर में पानी बंद कर दिए जाने के बाद से मुख्य नहर और उससे जुड़ी सभी शाखा नहर सूख चुकी हैं।
किसान निर्मल सिंह और बाबूराम कहते हैं कि खेत में फसलों की बुवाई को तैयार करने के लिए पलेवा करने में भी पानी की जरूरत होती है। काफी किसानों के खेत नहरों और रजवाहों के पास हैं, वह पूरी तरह वर्षा और रजवाहे पर निर्भर रहते हैं। वहीं धामपुर, अफजलगढ़ और रेहड़ आदि स्थानों पर छोटी-बड़ी मिलाकर दो दर्जन से अधिक नहरें हैं। पानी बंद होने के बाद से इन नहरों और रजवाहों में अभी तक सिल्ट सफाई और घास-फूस हटाने का काम शुरू नहीं हुआ है।
सिचाई विभाग के अवर अभियंता भानुप्रताप सिंह का कहना है कि अभी विभाग की ओर से काम शुरू नहीं हुआ है। जहां काम होना है, वहां चिह्नित कर जल्द ही सिल्ट सफाई और घास-फूस हटाने का काम शुरू कराया जाएगा।
..इनका कहना है
बिजनौर जिले से गुजर रही विभिन्न नहर शाखाओं की सफाई का कार्य खरीफ की फसल के दौरान मई में कराया जाता है। कुछ दिन पहले हरिद्वार से मुख्य नहर में पानी बंद किया गया है। दीपावली तक नहर में पानी छोड़े जाने की संभावना है।
- वीके शर्मा, अधिशासी अभियंता पूर्वी गंगनहर खंड-छह नजीबाबाद।