चेयरपर्सन मैडम, कूड़ा बन गए हैं कूड़ेदान
शहर की सड़कों व गलियों को स्वच्छ रखने के लिए जगह-जगह लगाए गए कूड़ेदान खुद ही कूड़ा बनकर रह गए हैं। आलम यह है कि कूड़ेदान रखरखाव के अभाव में या तो जंग खाकर गल चुके हैं या फिर उनके ढक्कन आदि गायब हैं।
बिजनौर, जेएनएन। शहर की सड़कों व गलियों को स्वच्छ रखने के लिए जगह-जगह लगाए गए कूड़ेदान खुद ही कूड़ा बनकर रह गए हैं। आलम यह है कि कूड़ेदान रखरखाव के अभाव में या तो जंग खाकर गल चुके हैं या फिर उनके ढक्कन आदि गायब हैं। लाखों रुपये खर्च कर शहर भर में लगाए गए कूड़ेदानों की हकीकत बेहद चौंकाने वाली है। इन पर लगने वाला पालिका का धन बर्बाद हो गया है। जिस पर पालिका प्रशासन की बिल्कुल नजर नहीं है।
स्वच्छता अभियान के तहत शहर को साफ सुथरा बनाने के लिए पालिका की ओर से हाईवे किनारे से लेकर अन्य मार्गों पर लाखों की कीमत से तकरीबन 40 से अधिक कूड़ेदान रखे गए। जिसमें कुछ प्लास्टिक के शामिल हैं तो कुछ लोहे के। इन कूड़ेदान को लगवाए जाने का मकसद यह था कि स्थानीय लोग कूड़ा इनमें डाले और पालिका समय पर कूड़ा उठा सके। स्थिति यह रही कि न तो लोगों ने कूड़ेदान में कूड़ा डाला और न ही समय पर पालिका ने ये खाली किए। इसे जागरूकता का अभाव कहें या फिर पालिका की लापरवाही। समय के साथ अब ये कूड़ेदान खुद ही कूड़ा बने नजर आ रहे हैं। गेस्ट हाउस के निकट और बाइपास मार्ग समेत अन्य स्थानों पर रखे कूड़ेदानों का यही हाल है। स्थिति यह हो गई कि कई कूड़ेदान जंग खाने के बाद गल चुके हैं तो कुछ उलटे ही पड़े नजर आते हैं। जिसके चलते कहीं न कहीं लोग मजबूरन सड़क पर ही कूड़ा डालते हैं। उधर, ईओ का कहना है कि इस संबंध में कर्मचारियों को मौके पर भेजकर जांच कराई जाएगी। जो कूड़ेदान गल चुके हैं, उन्हें वहां से उठवाकर दूसरे रखवाए जाएंगे।