एनआइए अफसर हत्याकांड में चिकित्सक के बयान दर्ज

अपर जिला एवं सत्र न्यायालय तथा गैंगस्टर कोर्ट में एनआइए अधिकारी तंजील अहमद और उनकी पत्नी फरजाना की हत्या करने के विचाराधीन मुकदमे में पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक डा. राजेंद्र सिंह के बयान दर्ज किए गए। इस हत्या के मामले में मुनीर सहित पांच आरोपितों पर मुकदमा कोर्ट में विचाराधीन है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 10:55 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 10:55 PM (IST)
एनआइए अफसर हत्याकांड में चिकित्सक के बयान दर्ज
एनआइए अफसर हत्याकांड में चिकित्सक के बयान दर्ज

बिजनौर, जेएनएन। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय तथा गैंगस्टर कोर्ट में एनआइए अधिकारी तंजील अहमद और उनकी पत्नी फरजाना की हत्या करने के विचाराधीन मुकदमे में पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक डा. राजेंद्र सिंह के बयान दर्ज किए गए। इस हत्या के मामले में मुनीर सहित पांच आरोपितों पर मुकदमा कोर्ट में विचाराधीन है।

एडीजीसी अभिनव उर्फ आनंद जंघाला के अनुसार 28 अप्रैल 2016 को एनआइए अधिकारी तंजील अहमद और उनकी पत्नी फरजाना की उस समय हत्या कर दी गई थी, जब वह एक विवाह समारोह में शामिल होने के बाद स्योहारा से दिल्ली कार से लौट रहे थे। इस मामले में मुनीर, रिजवान, तंजीम, जैकी और रेयान के खिलाफ मुकदमा कोर्ट में चल रहा है। सोमवार को इस मामले में मृतक अधिकारी दंपती का पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक डा. राजेंद्र सिंह मुरादाबाद से अपने बयान दर्ज कराने कोर्ट में पहुंचे। कोर्ट में चिकित्सक के बयान दर्ज किए गए। इस मुकदमे में सुनवाई के लिए अगली तारीख नौ दिसंबर नियत की गई है। अब तक सरकारी पक्ष की ओर से सात गवाहों के बयान कोर्ट में दर्ज किए जा चुके हैं। पुलिस ने पांचों आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी मुकदमा दर्ज किया था। यह मुकदमा भी उक्त कोर्ट में ही विचाराधीन है। जजी परिसर में कड़ी सुरक्षा के बीच मुनीर को जिला कारागार से कोर्ट में पेश किया गया। सुनवाई के दौरान जजी परिसर में सुरक्षा की ²ष्टि से भारी पुलिस बल तैनात रहा। कुएं ढककर रखें ग्रामीण : डीएफओ

बिजनौर : वन विभाग ने जंगली जानवरों के सूखे कुओं में गिरने की घटना को गंभीरता से लिया है। विभागीय अधिकारी गश्त के दौरान जंगल में घूम रहे संदिग्धों पर नजर रख रहे हैं। वहीं जंगल से सटी आबादी में ग्रामीणों से सूखे कुओं को ढकने की अपील की जा रही है। डीएफओ एके पटेल के नेतृत्व में अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में तैनात वनकर्मियों ने रविवार को गश्त की। गश्त के दौरान संवेदनशील क्षेत्रों में मेटल डिटेक्टर का भी प्रयोग किया। इस दौरान जंगल में मिले पदचिह्नों की फोटोग्राफी की। जंगल में हो रही संदिग्ध गतिविधियों को पता लगाने का प्रयास किया गया।

डीएफओ ने बताया कि अब टाइगर रिजर्व में नियमित रूप से पेट्रोलिग की जाएगी। वहीं उन्होंने ग्रामीणों से अपील की, कि वह जंगल में घूमने वाले किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की सूचना वन विभाग को दें। वहीं उन्होंने खुले कुओं को ढकने का आह्वान किया, ताकि वन्य जीव खुले कुएं में न गिरें। उल्लेखनीय है कि एक दिसंबर को ग्राम अब्दुल खालिक पुर बलराम में स्थित एक सूखे कुएं में एक गुलदार का शावक गिर गया था। सूचना पर डीएफओ एके पटेल के नेतृत्व में रेस्क्यू आपरेशन चलाकर उक्त गुलदार के शावक को कुएं से बाहर निकालकर जंगल में छोड़ा गया था।

chat bot
आपका साथी