बेटियों ने बढ़ाया स्कूलों एवं जनपद मान
सीबीएसई दसवीं का परीक्षा परिणाम मंगलवार दोपहर को जारी हो गया। परीक्षा परिणाम आने से पहले परीक्षार्थी स्कूल पहुंचे गए। काफी छात्रों ने साइबर कैफे तथा मोबाइल पर परिणाम देखकर स्कूल पहुंचे और साथियों व शिक्षकों के साथ अच्छे अंक से पास होने की खुशी मनाई। प्रधानाचार्यो अभिभावकों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी। कोरोना के चलते परीक्षा न होने के बाद भी छात्र-छात्राओं पर अंकों की बौछार हुई। कई छात्र अंकों से संतुष्ट नहीं दिखाई दें रहे थे।
जेएनएन, बिजनौर। सीबीएसई दसवीं का परीक्षा परिणाम मंगलवार दोपहर को जारी हो गया। परीक्षा परिणाम आने से पहले परीक्षार्थी स्कूल पहुंचे गए। काफी छात्रों ने साइबर कैफे तथा मोबाइल पर परिणाम देखकर स्कूल पहुंचे और साथियों व शिक्षकों के साथ अच्छे अंक से पास होने की खुशी मनाई। प्रधानाचार्यो, अभिभावकों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी। कोरोना के चलते परीक्षा न होने के बाद भी छात्र-छात्राओं पर अंकों की बौछार हुई। कई छात्र अंकों से संतुष्ट नहीं दिखाई दें रहे थे।
माडर्न ऐरा पब्लिक स्कूल बिजनौर की छात्रा दिशा राठी पुत्री किसान धर्मेंद्र सिंह राठी ने बैस्ट फाइव विषयों में 100 में से 100 अंक प्राप्त किये। दिशा राठी की अंक तालिका में अतिरिक्त विषय को छोड़कर देखे तो 98 प्रतिशत अंक हासिल कर अपना परचम लहराया। इसके अलावा इसी स्कूल की छात्रा पलक साल्यान ने 98.6 प्रतिशत अंक पाये। डीडीपीएस की छात्रा हुदा आयशा ने बैस्ट फाइव में 99.6 प्रतिशत अंक हासिल किये। जबकि अतिरिक्त विषय को छोड़कर 98.6 प्रतिशत अंक पाए। एएन इंटरनेशनल सीनियर स्कूल बिजनौर की छात्रा पूर्णिका चौधरी ने 97 प्रतिशत अंक हासिल किये।
सेंटमैरी कांवेंट स्कूल की छात्रा अनन्या जैन ने 99.4 प्रतिशत अंक प्राप्त किये। वहीं एलआरएस अकादमी की छात्रा वर्तिका सिंह ने 99.4 प्रतिशत अंक प्राप्त किये। चांदपुर के आधारशिला द स्कूल की छात्रा अमीषा ने 98.8 प्रतिशत अंक पाएं। चांदपुर फादरसन पब्लिक स्कूल की वेदिका दुरेजा ने 98.6 प्रतिशत अंक प्राप्त किया। अन्य बोर्ड की तरह सीबीएसई दसवीं के परीक्षा परिणामों में बेटियां अपना परचम लहरा दिया है। -डाक्टर, आइएएस बनना चाहते है मेधावी
बिजनौर : सभी विद्यालयों के मेधावी छात्र-छात्राओं ने आगे की पढ़ाई के बाद एमबीबीएस डाक्टर, आईएएस, पीसीएएस एवं आईआईटी इंजीनियर बनना चाहते है। मेधावी हुदा आयशा आगे की पढ़ाई के बाद एमबीबीएम डाक्टर बनकर सेवा करना चाहती है। वह कोरोनाकाल में भी पेपरों की तैयारी के लिए नौ घंटे तक पढ़ाई करती थी। दिशा राठी एमबीए करना और पलक साल्यान आइएएस बनाकर देश सेवा करना चाहती है।