क्यों नहीं लगवाई दूसरी डोज, अब कारण बताना होगा
कोरोना को हराने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। कोरोना टीकाकरण को लेकर शासन प्रशासन खासा जोर दे रहा है। विशेषकर कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रान की दस्तक के बाद तो स्वास्थ्य विभाग बेहद सतर्क हो गया है। एक तरफ जहां टीके की प्रथम डोज लगने का आंकड़ा काफी अच्छा रहा वहीं दूसरा टीका लगवाए जाने की संख्या काफी कम है। अब शासन ने उन लोगों को ही जिम्मेदार बनाया है जो दूसरा टीका नहीं लगवा रहे हैं। अब लाभार्थी से ही लिखित में लिया जाएगा कि वह टीका क्यों नहीं लगवा रहा है।
बिजनौर, जेएनएन। कोरोना को हराने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। कोरोना टीकाकरण को लेकर शासन प्रशासन खासा जोर दे रहा है। विशेषकर कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रान की दस्तक के बाद तो स्वास्थ्य विभाग बेहद सतर्क हो गया है। एक तरफ जहां टीके की प्रथम डोज लगने का आंकड़ा काफी अच्छा रहा, वहीं दूसरा टीका लगवाए जाने की संख्या काफी कम है। अब शासन ने उन लोगों को ही जिम्मेदार बनाया है, जो दूसरा टीका नहीं लगवा रहे हैं। अब लाभार्थी से ही लिखित में लिया जाएगा कि वह टीका क्यों नहीं लगवा रहा है।
कोरोना की रफ्तार फिर से न बढ़े, इसके लिए तरह-तरह के जतन किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक ब्लाक स्तर पर अभी तक तकरीबन 1.90 लाख लोग टीके की पहली डोज लगवा चुके हैं, जबकि दूसरी डोज का आंकड़ा 35 प्रतिशत पहुंच सका है। ऐसे में अब इसकी गति बढ़ाने के लिए नया प्रयोग किया जा रहा है। इसके लिए शासन ने नई गाइड लाइन जारी की है। अब टीकाकरण न लगवाने वाले लाभार्थी से ही लिखित में कारण लिया जाएगा। आशा व एएनएम के जरिए उनसे घोषणा पत्र में यह बात लिखकर मांगी जा रही है कि वह टीका क्यों नहीं लगवा रहे हैं। यदि वह बीमार हैं या अन्य कोई कारण है तो उसे घोषणा पत्र पर लिखना होगा। इस कार्य में आशा, एएनएम, लेखपाल, सेक्रेटरी तथा आंगनबाड़ी की टीमें लगी हैं। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. केपी सिंह का कहना है कि शुरुआत में दूसरी डोज लगवाने वालों की रफ्तार धीमी थी। इसमें अब सुधार हो रहा है, लेकिन आशा व एएनएम लगातार डोर टू डोर घूमकर टीका न लगवाने वालों से संपर्क कर इसका कारण जान रही हैं। उन पात्रों से कारण भी लिखित में लिया जा रहा है।