पांच साल से अधर में लटका दो टंकियों का निर्माण कार्य

नहटौर क्षेत्र के ग्राम पंचायत रघुनाथपुर में पानी की टंकी का निर्माण कार्य पांच साल से अधर में लटका है। पहली किश्त के बाद अतिरिक्त धनराशि आने से निर्माण कार्य रुक गया था जबकि अब टंकी परिसर में पूरी तरह से गंदगी का अंबार लगा है। वहीं नूरपुर खेड़की में भी टंकी का निर्माण कार्य अधर में है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 04:29 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 04:29 AM (IST)
पांच साल से अधर में लटका दो टंकियों का निर्माण कार्य
पांच साल से अधर में लटका दो टंकियों का निर्माण कार्य

जेएनएन, बिजनौर। नहटौर क्षेत्र के ग्राम पंचायत रघुनाथपुर में पानी की टंकी का निर्माण कार्य पांच साल से अधर में लटका है। पहली किश्त के बाद अतिरिक्त धनराशि आने से निर्माण कार्य रुक गया था, जबकि अब टंकी परिसर में पूरी तरह से गंदगी का अंबार लगा है। वहीं नूरपुर खेड़की में भी टंकी का निर्माण कार्य अधर में है।

प्रशासन द्वारा सन 2016 में आई योजना के तहत ग्राम रघुनाथपुर व इसी पंचायत के गांव नूरपुर खेड़की में टंकी का निर्माण कार्य शुरू किया गया था। जिसके लिए 20 लाख रूपये की पहली किश्त प्राप्त हो गई थी। यह पैसा पानी की टंकी के निर्माण व पाइप लाइन डालने में खर्च हो गया था। पाइप लाइन डालने से ग्रामीणों को आस बंधी थी कि अब उन्हें पानी की टंकी से पानी मिल सकेगा, लेकिन इसके बाद प्रशासन द्वारा अतिरिक्त धनराशि मुहैया न कराने के कारण पानी की टंकी का निर्माण रोक दिया गया था। तब से अब तक पानी की टंकी का निर्माण बंद पड़ा हुआ है, जबकि नूरपुर खेड़की में टंकी बनाने का काम शुरू हो गया था, लेकिन वहां पर भी एक कमरा, चार पिलर व गांव में पाइप लाइन का काम होकर रोक दिया गया था। रघुनाथपुर टंकी परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। पूर्व प्रधान सुबोध कुमार ने बताया कि शासन द्वारा भेजी गई 20 लाख की धनराशि के बाद कोई अन्य धनराशि न भेजने के कारण काम पूरा नहीं हो पाया था। खंड विकास अधिकारी ब्रजभूषण सिंह ने बताया कि ये मामला जलकल विभाग का है। फिर भी समस्या को ध्यान में रखते हुए बराबर जिला प्रशासन को अवगत कराया जा रहा है। इधर दोनों गांव के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से अधर में पड़ा टंकी निर्माण कार्य शुरू कराने की मांग की है। नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान महेंद्र सिंह ने पानी की टंकी को सुचारू रूप से शुरू कराने के लिए अधिकारियों को अवगत कराने की बात कही है, जिससे ग्रामीणों को उसका लाभ मिल सके।

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