रपटे पर बह रहे पानी से अठखेलियां कर रहे बच्चे

बढ़ापुर-कुंजैटा मार्ग पर बहने वाले रपटे पर आए पानी में बच्चे अठखेलियां कर रहे हैं जबकि एक महीना पहले ही नदी में दो बच्चों की डूबकर मौत होने की घटना से भी किसी ने सबक नहीं लिया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 10:28 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 10:41 PM (IST)
रपटे पर बह रहे पानी से अठखेलियां कर रहे बच्चे
रपटे पर बह रहे पानी से अठखेलियां कर रहे बच्चे

बिजनौर, जेएनएन। बढ़ापुर-कुंजैटा मार्ग पर बहने वाले रपटे पर आए पानी में बच्चे अठखेलियां कर रहे हैं, जबकि एक महीना पहले ही नदी में दो बच्चों की डूबकर मौत होने की घटना से भी किसी ने सबक नहीं लिया।

रविवार सुबह पर्वतीय क्षेत्रों में तेज बारिश होने से बढ़ापुर-कुंजैटा मार्ग पर बहने वाली नकटा नदी पर बने रपटे के ऊपर से होकर पानी बह रहा है। पानी आने से आवागमन बाधित हो गया। रपटे पर आए पानी में खेलते बच्चे रपटे पर तीव्रता से बह रहे पानी के खतरे से अंजान हैं। इनके अभिभावकों को भी कोई परवाह नहीं है। बच्चे काफी समय तक रपटा क्षेत्र में ही खेलते रहे, जबकि एक महीना पहले कस्बे के सीमावर्ती गांव रसूलपुर ढेला के दो मासूम बच्चों की गांव के पास बह रही इसी नकटा नदी में डूबकर दर्दनाक मौत हो गई थी, लेकिन उस घटना से भी क्षेत्रवासियों ने कोई सबक नहीं लिया है। कुछ लोग भी जान जोखिम में डालकर रपटे पर बह रहे तेज पानी से गुजरते नजर आए। गुरु बगैर जीवन में भटकाव ही भटकाव : मुक्तानंद

नजीबाबाद: गुरु पूर्णिमा पर्व पर श्रद्धालुओं ने गुरु पूजा करते हुए गुरु के सानिध्य में रहकर जीवन पर्यंत शुभ कर्म करने का संकल्प लिया। शनिवार शाम दुर्गा मंदिर के निकट स्थित विज्ञानशाला में सुंदरकांड का पाठ एवं भजन संध्या का आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं ने व्यास अंबरीष दास की गुरु रूप में पूजा की। उनके द्वारा सुंदरकांड का पाठ सुना और भजन संध्या में रसभीने भजनों का गायन किया। समापन पर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। शकुंतला देवी, मोहनलाल अग्रवाल, यशपाल कुशवाहा, मीरा गुप्ता, अजय सिघल, नीलकमल माहेश्वरी, शारदा, संतोषबाला, शिवा कुशवाहा, तापस आदि उपस्थित रहे।

वहीं, अखिल भारतीय भिक्षु महासंघ की ओर से धम्म ज्योति बुद्ध विहार परिसर में आयोजित कार्यक्रम में भिक्षु मुक्तानंद ने कहा कि गुरु ही हमारा ईष्ट, हमारा भगवान सब कुछ है। गुरु के मार्गदर्शन बगैर जीवन में भटकाव ही भटकाव है। बौद्धाचार्य नरेंद्र कुमार के संचालन में हुए कार्यक्रम में महेंद्रपाल सिंह, लाल सिंह, शौनाथ सिंह, आरआर गौतम, अरुण कुमार, आरके सागर, ऋषा बौद्ध, राकेश मोहन भारती आदि उपस्थित रहे।

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