सिखों के चौथे गुरु श्री गुरु रामदास साहिब का प्रकाशोत्सव मनाया

सिखों के चौथे गुरु श्री गुरु रामदास जी का अवतार पर्व श्रद्धा एवं उल्लास से मनाया गया। गुरुद्वारा साहिब में हुए विशेष आयोजन में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अखंड पाठ के समापन पर गुरुवाणी एवं गुरु इतिहास पर कथा विचार हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 06:09 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 06:09 PM (IST)
सिखों के चौथे गुरु श्री गुरु रामदास साहिब का प्रकाशोत्सव मनाया
सिखों के चौथे गुरु श्री गुरु रामदास साहिब का प्रकाशोत्सव मनाया

जेएनएन, बिजनौर। सिखों के चौथे गुरु श्री गुरु रामदास जी का अवतार पर्व श्रद्धा एवं उल्लास से मनाया गया। गुरुद्वारा साहिब में हुए विशेष आयोजन में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अखंड पाठ के समापन पर गुरुवाणी एवं गुरु इतिहास पर कथा विचार हुआ।

गुरुद्वारा नानकशाही श्री गुरु सिंह सभा में श्री गुरु रामदास साहिब के प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में बुधवार को आरंभ हुए श्री अखंड पाठ साहिब का शुक्रवार सुबह भक्तिभाव के साथ समापन हुआ। मुख्य ग्रंथी ज्ञानी उपकार सिंह ने नौवें महले के श्लोक और राग माला का पाठ कर अखंड पाठ संपूर्ण किया। गुरुघर के हुजूरी रागी भाई नवदीप सिंह एवं साथियों ने गुरुवाणी गायन किया। रामदास गुरु हरि सत कीयो, समरथ गुरु सिर हथ धरेयो.. शबद गायन से वातावरण गुरुमय हो गया।

मुख्य ग्रंथी ज्ञानी उपकार ने गुरु इतिहास कथा विचार में बताया कि चौथे पातशाह श्री गुरु रामदास साहिब ने सन 1534 को लाहौर पाकिस्तान में बाबा हरिदास और माता दया कौर के घर अवतार लिया। गुरु रामदास की पत्नी बीबी भानी और पुत्र अर्जुन देव, पिरथीचंद और महादेव थे। गुरु रामदास ने अमृतसर में हरिमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) की स्थापना की। गुरु रामदास ने स्वयं सेवा और भक्ति की मिसाल कायम की। उन्होंने अंधविश्वास, वर्ण व्यवस्था आदि कुरीतियों का पुरजोर विरोध किया। गुरु साहिब ने 30 रागों में 637 शबद की रचना की।

अनंद साहिब के पाठ, अरदास एवं हुकुमनामे के साथ विशेष दीवान का समापन हुआ। गुरुद्वारे आई संगत ने प्रसाद ग्रहण कर गुरु साहिब को नमन किया। कार्यक्रम में गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के प्रधान नरेंद्र सिंह वाधवा, उप प्रधान हरभजन सिंह, भगीरथ सिंह, सुरेंद्र सिंह, गगनदीप सिंह, गुरमीत सिंह, रक्षपाल सिंह सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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