हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैयालाल की..

हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैयालाल की..के जयघोष के गूंज के बीच राधा-कृष्ण की झांकी आकर्षण का केंद्र रही। आदर्शनगर सहित नगर कई मोहल्लों में श्रद्धालु और बच्चों ने घर पर ही कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव मनाया। वहीं फूलों और रोशनी जगमगाए मंदिर में रामडोल में विराजमान लड्डू गोपाल को छप्पन भोग लगाकर झूला-झुलाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 10:56 PM (IST) Updated:Thu, 13 Aug 2020 06:07 AM (IST)
हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैयालाल की..
हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैयालाल की..

बिजनौर, जेएनएन। हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैयालाल की..के जयघोष के गूंज के बीच राधा-कृष्ण की झांकी आकर्षण का केंद्र रही। आदर्शनगर सहित नगर कई मोहल्लों में श्रद्धालु और बच्चों ने घर पर ही कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव मनाया। वहीं, फूलों और रोशनी जगमगाए मंदिर में रामडोल में विराजमान लड्डू गोपाल को छप्पन भोग लगाकर झूला-झुलाया गया।

बुधवार को भी भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव मनाया गया। नगर के महामृत्यंजय शिवमंदिर टीला क्षेत्र, सिद्धि विनायक मंदिर दरबाराशाहा, राधा-मंडल मंदिर दीवानपरामंद, शिव शक्ति धाम आदर्शनगर सीकेआइ, नीलकंठ महादेव मंदिर रमेश नगर, गीता भवन मंदिर मकबरा सहित नगर के प्रमुख मंदिर रंग-बिरंगे फूलों और रोशनी से जगमगाए। कोरोना वायरस के चलते मंदिरों में बहुत कम श्रद्धालुओं के पहुंचने से उत्सव फीका रहा। अधिकांश श्रद्धालुओं ने घर पर ही विशेष रूप से सजाए रामडोल में भगवान कृष्ण को विराजमान कर छप्पन भोग लगाकर झूला-झूलाया। आदर्शनगर में किरन चौहान, प्रीति चौहान, पूजा उपाध्याय, शारदा, नरेंद्र उपाध्याय, फूल सिंह ठाकुर, मुकेश आदि ने घरों पर ही रामडोल सजाया और पूजा-अर्चना कर भगवान श्रीकृष्ण को भोग लगाया। कोरोना के चलते इस बार झांकी पर ब्रेक लगने के बाद बच्चों ने नगर के विभिन्न मोहल्लों में राधा-कृष्ण का वेश धारण कर झांकी निकाली। आदर्शनगर में साहिल और आराध्या, संतोमालन में तनुष और निशी, दीवानपरानंद में विनायक और निष्ठा, अधर्व, आदविक, धनांशी ने कृष्ण और राधा का वेश धारण किया। बच्चों ने हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैयालाल की..के जयघोष के साथ अपने-अपने मोहल्लों में झांकी निकालकर कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव मनाया। वहीं, मंगलवार की देर रात भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। उधर गीता भवन मंदिर कमेटी के डॉ.एसके जौहर, सुनील महाजन, जनकराज, अमित ग्रोवर की मौजूदगी में पंडित भोलानाथ शास्त्री निर्देशन में श्रीरामडोल की परिक्रमा की गई।

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