गोविद मेरो है गोपाल मेरो है

नगर में जहां मंगलवार देर रात तक जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। वहीं बुधवार को भी श्रीकृष्ण जन्म के अवसर पर पूजा-अर्चना हुई। मंदिर सजे नजर आए तो बच्चे भी राधा कृष्ण की वेशभूषा में सजे नजर आए। हालांकि कोरोना के चलते मंदिरों पर इस बार सांस्कृतिक व अन्य कार्यक्रम आयोजित नहीं हुए।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 10:44 PM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 10:44 PM (IST)
गोविद मेरो है गोपाल मेरो है
गोविद मेरो है गोपाल मेरो है

बिजनौर, जेएनएन। नगर में जहां मंगलवार देर रात तक जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। वहीं, बुधवार को भी श्रीकृष्ण जन्म के अवसर पर पूजा-अर्चना हुई। मंदिर सजे नजर आए तो बच्चे भी राधा कृष्ण की वेशभूषा में सजे नजर आए। हालांकि कोरोना के चलते मंदिरों पर इस बार सांस्कृतिक व अन्य कार्यक्रम आयोजित नहीं हुए।

मंगलवार देर रात तक जहां मंदिर दुल्हन की तरह सजे नजर आए तो बच्चे भी घरों में तरह-तरह की ड्रेस पहने सजे रहे। नन्हें-मुन्ने बच्चे बाल रूपी कृष्ण के तौर पर बहुत प्यारे लग रहे थे। पूजा-अर्चना के अलावा लोगों ने घरों में ही जन्माष्टमी का पर्व मनाया। उधर, नगर के चौरासी घंटा मंदिर, भूमिया देवी मंदिर, ठाकुर द्वारा मंदिर, गोकुल नगर के शिव मंदिर, समेत अन्य मंदिर सजाए गए। हालांकि, बहुत कम श्रद्धालु ही मंदिर पहुंचे। जबकि, इस बार लोगों ने घरों में ही पूजा की। ऐसे में मंदिर सजे तो नजर आए, लेकिन वहां रौनक गायब रही। मंदिरों के अलावा बच्चे विभिन्न वेशभूषा में सजे नजर आए। वहीं, मंगलवार के बाद बुधवार को भी अष्टमी का पर्व मनाया गया। बुधवार को भी श्रद्धालुओं ने व्रत रखे और जन्माष्टमी की पूजा अर्चना की। उधर, सुरक्षा की ²ष्टि से रात भर पुलिस मंदिरों के आसपास गश्त करती रही। कोरोना के चलते श्रद्धालु भी घरों में रहे।

chat bot
आपका साथी