भाईचारा ही इनके लिए राम और रहीम

भारतीय संस्कृति अनेकता में एकता का संदेश देती है। आपसी सौहार्द पर ही यह भावना टिकी होती है। कई चेहरे ऐसे भी समाज में होते हैं जो बेशक अलग-अलग धर्मो को मानने वाले होते हैं लेकिन जब बात सौहार्द की आती है तो ये चेहरे भाईचारे में ही राम और रहीम को देखते हैं। सौहार्द की यह भावना राष्ट्र की एकता और अखंडता को परवान चढ़ाती दिखाई देती है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 10:41 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 10:41 AM (IST)
भाईचारा ही इनके लिए राम और रहीम
भाईचारा ही इनके लिए राम और रहीम

बिजनौर, चरनजीत सिंह। भारतीय संस्कृति अनेकता में एकता का संदेश देती है। आपसी सौहार्द पर ही यह भावना टिकी होती है। कई चेहरे ऐसे भी समाज में होते हैं, जो बेशक अलग-अलग धर्मो को मानने वाले होते हैं, लेकिन जब बात सौहार्द की आती है तो ये चेहरे भाईचारे में ही राम और रहीम को देखते हैं। सौहार्द की यह भावना राष्ट्र की एकता और अखंडता को परवान चढ़ाती दिखाई देती है।

आदर्शनगर में आर्यसमाजी संतोषबाला आर्या और मुस्लिम महिला चिकित्सक डा. एन बानो 20 वर्षो से एक छत के नीचे रह रहीं हैं। एक ही छत के नीचे संतोषबाला हवन करती हैं और डा. एन बानो नमाज पढ़ती हैं। वे कहती हैं कि आपसी भाईचारा ही सबसे बड़ा धर्म है।

गांव शेरपुरअभि निवासी 25 वर्षीय मोनू रूबा का दोस्ताना अपनी उम्र से दोगुना बड़े डा. आफताब नोमानी से है। यह दोस्ती भले ही महज चार साल पुरानी है, लेकिन मोनू रूबा कहते हैं उन्हें ऐसा लगता है जैसे जन्मों-जन्मों से दोनों एक दूसरे को जानते हैं। जब भी मिलते हैं तो एक साथ खाना-पीना और दुख-सुख की बातें होती हैं। डा. आफताब नोमानी कहते हैं कि बेशक हम दोनों अलग-अलग धर्म से हैं, लेकिन मोनू की सकारात्मकता ने उन्हें उनका मित्र बना दिया। वालिया ग्लोबल एकेडमी के प्रधानाचार्य डा. श्याम प्रकाश तिवारी महज 47 वर्ष के हैं और उनकी दोस्ती 20 वर्ष बड़े सरदार जितेंद्र कक्कड़ से है। लंबा अनुभव होने के बाद भी जितेंद्र कक्कड़ महत्वपूर्ण बातों में श्याम प्रकाश से सलाह लेते हैं। जितेंद्र कक्कड़ कहते हैं कि वे नि:स्वार्थ और निश्छल भाव से एक दूसरे प्रेम करते हैं। शाम की चाय दोनों की एक साथ होती है। उनके बीच मानवता का रिश्ता है।

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