हर दिन पौधे के रूप में पूंजी बढ़ा रहे बलवीर

दो दशक पहले बैंक से सेवानिवृत्त हुए वयोवृद्ध बैंककर्मी ने पौधों के रूप में इतनी पूंजी जुटा ली है कि उससे वे स्वयं ही नहीं उनके अपने और पड़ोसी भी लाभ ले रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 11:18 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 11:18 AM (IST)
हर दिन पौधे के रूप में पूंजी बढ़ा रहे बलवीर
हर दिन पौधे के रूप में पूंजी बढ़ा रहे बलवीर

जेएनएन, बिजनौर। दो दशक पहले बैंक से सेवानिवृत्त हुए वयोवृद्ध बैंककर्मी ने पौधों के रूप में इतनी पूंजी जुटा ली है कि उससे वे स्वयं ही नहीं, उनके अपने और पड़ोसी भी लाभ ले रहे हैं।

भारतीय स्टेट बैंक बिजनौर से शाखा प्रबंधक पद से सेवानिवृत्त हुए 80 वर्षीय बलवीर सिंह आजकल करीब 350 पौधों का खाता बेहतरीन तरीके से संचालित कर रहे हैं। मोहल्ला सेवाराम निवासी बलवीर सिंह और उनकी पत्नी प्रभा पिछले करीब तीन दशक से पौधों को डिपाजिट करने में लगे हैं। एक पौधे से शुरुआत करने के बाद अब उनके आंगन में करीब 350 पेड़-पौधे हैं। दंपती सुबह से लेकर शाम तक तीन जगहों पर विकसित बगिया की देखभाल करते हैं। उन्होंने अपने आंगन में नीम का पेड़ लगा रखा है जबकि बरगद और पीपल गमले में बढ़ रहे हैं। इसके अलावा आंगन में अमरूद का पेड़ फल-फूल रहा है। मगर उनके घर-आंगन में फूलों की हर समय बहार रहती है। फूलों में 10 तरह के गुड़हल, गुलाब, मोतिया, मोंगरा, सदाबहार, रात की रानी, चंपा, चांदनी, कनेर के दर्जनों पौधे महकते रहते हैं। औषधीय बेल के रूप आंगन में गिलोय और अपराजिता की बेल भी लगातार बढ़ती रहती है। सब्जी के रूप में तोरी की बेल विकसित की है। मेहमान को उपहार के रूप में देते हैं एक पौधा

बलवीर सिंह से फूल लेने आने वालों को वे बेहिचक फूल देते हैं, लेकिन केवल पूजा के लिए। साथ ही फूल लेने वाले से यह भी वचन लेते हैं कि वह कम से कम एक पौधा रोपित कर उसकी सेवा जरूर करेगा। इतना ही नहीं बलवीर सिंह के घर आने वाले मेहमान को विदा करते समय वह उपहार के रूप में पौधा देते हैं। वेस्ट मैटेरियल का सदुपयोग

बलबीर सिंह प्लास्टिक के वेस्ट बर्तन बोतल, कैन, डिब्बा आदि का बेहतर इस्तेमाल कर उन्हें गमले का रूप देते हैं। उन्होंने प्लास्टिक की 150 बोतलों की कटिग कर उनमें पौधे रोपित कर सीढि़यों आदि जगहों को आकर्षक ढंग से सजाया हुआ है।

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