तीन दिन तक जिले में डेरा डाले रही थी एटीएस
एटीएस लखनऊ की टीम ने वर्ष 2017 में छापामारी कर ग्राम अलीपुरा निवासी फैजान उर्फ मुफ्ती को बढ़ापुर क्षेत्र के एक मदरसे से और नदीम को नहटौर के इस्लामनगर से पकड़कर जिले में बड़े माड्यूल स्लीपिग नेटवर्क का भंडाफोड़ किया था। दोनों धर्म की आड़ में युवकों को बरगला रहे थे।
जेएनएन, बिजनौर। एटीएस लखनऊ की टीम ने वर्ष 2017 में छापामारी कर ग्राम अलीपुरा निवासी फैजान उर्फ मुफ्ती को बढ़ापुर क्षेत्र के एक मदरसे से और नदीम को नहटौर के इस्लामनगर से पकड़कर जिले में बड़े माड्यूल स्लीपिग नेटवर्क का भंडाफोड़ किया था। दोनों धर्म की आड़ में युवकों को बरगला रहे थे। दोनों को लखनऊ कोर्ट से पांच साल की सजा हो चुकी है। एटीएस ने फैजान और नदीम के अलावा इनसे जुड़े चार मदरसा छात्रों को भी पकड़ा था। बाद में इन्हें परिवार वालों को सौंप दिया था। एटीएस की टीम उस वक्त तीन दिन जिले में रही थी।
बुधवार को ग्राम अलीपुरा और इस्लाम नगर में इस मामले पर चर्चा होती रही। जिले में आतंकी गतिविधियों के चलते जांच एजेंसियों की यहां सख्त निगाह रहती है।
जाटान बम ब्लास्ट में भी सजा का इंतजार
मोहल्ला जाटान में 12 सितंबर 2014 को एक मकान में बम ब्लास्ट हुआ था। इसके बाद सिमी के छह आतंकी अमजद, असलम, एजाजुद्दीन, महबूब, असलम और सिराज फरार हो गए थे। यह सभी लीला देवी के मकान में किराये पर रह रहे थे। पुलिस को मौके से नाइन एमएम पिस्टल, लैपटाप, गैस सिलेंडर आदि मिला था। पुलिस और एटीएस ने बिजनौर निवासी महिला हुस्ना, नदीम, रईस ट्रेलर अब्दुल्ला और फुरकान को आतंकियों की मदद करने के आरोप में जेल भेजा था। 2015 में यह मामला लखनऊ की कोर्ट में ट्रांसफर हो गया था। इसके बाद आरोपितों को लखनऊ जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। वहीं तीन अप्रैल 2015 को तेलंगाना पुलिस ने एजाजुद्दीन और असलम को मुठभेड़ में मार दिया था। 17 फरवरी 2016 को महमूद, सालिक, अमजद और जाकिर हुसैन उड़ीसा से गिरफ्तार हुए। अक्टूबर 2016 में भोपाल की सेंट्रल जेल में बंद चारों आतंकी जेल से फरार हो गए थे। बाद में चारों को मार गिराया गया था। वहीं जाटान ब्लास्ट में शामिल आतंकियों के एक महिला समेत पांच मददगार आरोपित लखनऊ जेल में बंद है। केस का ट्रायल चल रहा है। अब उनकी सजा का इंतजार है।