रावण दहन के बाद गंदगी व प्रदूषण का खतरा बढ़ा

जिले में रावण दहन से प्रदूषण के साथ ही गंदगी भी बढ़ गई है। रावण दहन के दौरान कोरोना की रोकथाम की कवायद भी धराशायी हो गई। मैदान ही नहीं आसपास के क्षेत्रों में भी गंदगी के ढेर भी जमा हो गए। हालांकि नगर पालिका के सफाई कर्मचारियों ने तत्परता दिखाते हुए तड़के से ही नगर की सफाई शुरू कर दी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 05:56 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 05:56 PM (IST)
रावण दहन के बाद गंदगी व प्रदूषण का खतरा बढ़ा
रावण दहन के बाद गंदगी व प्रदूषण का खतरा बढ़ा

बिजनौर, जेएनएन। जिले में रावण दहन से प्रदूषण के साथ ही गंदगी भी बढ़ गई है। रावण दहन के दौरान कोरोना की रोकथाम की कवायद भी धराशायी हो गई। मैदान ही नहीं आसपास के क्षेत्रों में भी गंदगी के ढेर भी जमा हो गए। हालांकि नगर पालिका के सफाई कर्मचारियों ने तत्परता दिखाते हुए तड़के से ही नगर की सफाई शुरू कर दी। सभी 25 वार्डों में लगी ट्रैक्टर-ट्रालियों द्वारा कूड़े के ढेर उठाए गए। इससे रामलीला मैदान और उसके आसपास विशेष रूप से सफाई की गई।

रामलीला समिति के पदाधिकारियों के मना करने के बावजूद बड़ी संख्या में लोगों ने स्टाल भी लगाए। कई जगह रावण का पुतला दहन किया गया। ऐसे में रावण दहन और पराली जलाने के कारण अब हवा दम फुलाने लगी। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी जेपी मौर्य बताते हैं कि जिले में कुछ ही स्थानों पर रावण के पुतले जलाए गए हैं। पराली जलाने पर सख्ती की गई है। इस वजह से जिले की हवा में घुलित पर्टिकुलर (कण) 100 के मुकाबले 88 हैं, जबकि पिछले वर्ष इन दिनों में इससे अधिक थे। प्रदूषित कारकों पर रोकथाम के लिए नियमित रूप से औद्योगिक इकाइयों में चेकिग की जा रही है। जिलाधिकारी रमाकांत पांडेय का कहना है कि पराली जलाने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा। प्रशासन ने पराली जलाने पर अब तक चार लोग से दस हजार रुपये का जुर्माना वसूला है। चार अन्य के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज की गई है।

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