जाति, धर्म, भाषा से ऊपर उठकर अपनाएं भाईचारा

दैनिक जागरण की ओर से आयोजित संस्कारशाला में राष्ट्र की अखंडता विषय पर साईं इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल हल्दौर में एक कार्यशाला का आयोजन हुआ। प्रधानाचार्य अतुल कुमार गोस्वामी ने राष्ट्र की अखंडता पर लिखे गए लेख को विद्यार्थियों को पढ़कर सुनाया। उन्होंने बच्चों बताया कि राष्ट्र की अखंडता को बनाए रखने को राष्ट्रीय एकता बहुत जरूरी है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 01 Oct 2021 06:50 AM (IST) Updated:Fri, 01 Oct 2021 06:50 AM (IST)
जाति, धर्म, भाषा से ऊपर उठकर अपनाएं भाईचारा
जाति, धर्म, भाषा से ऊपर उठकर अपनाएं भाईचारा

जेएनएन, बिजनौर। 'दैनिक जागरण' की ओर से आयोजित संस्कारशाला में राष्ट्र की अखंडता विषय पर साईं इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल हल्दौर में एक कार्यशाला का आयोजन हुआ। प्रधानाचार्य अतुल कुमार गोस्वामी ने राष्ट्र की अखंडता पर लिखे गए लेख को विद्यार्थियों को पढ़कर सुनाया। उन्होंने बच्चों बताया कि राष्ट्र की अखंडता को बनाए रखने को राष्ट्रीय एकता बहुत जरूरी है। कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं, उन्हें आपस में मिलजुल कर रहना चाहिए। अन्य लोगों को भी भाईचारे से रहने के लिए प्रोत्साहित करें।

गुरुवार को प्रधानाचार्य अतुल कुमार गोस्वामी ने कक्षा में बच्चों को बताया कि देश के नागरिकों को राष्ट्र की अखंडता बनाए रखने के लिए जाति, धर्म, भाषा के भेदभाव से ऊपर उठकर भाईचारे को अपनाना होगा। जब भी हम असंगठित हुए हैं, राष्ट्र को इसकी कीमत चुकानी पड़ी है। आज अलगाववादी ताकतें देश को तोड़ने की फिराक में लगी हुई हैं। आतंक विश्व में चरम पर है, ऐसे वातावरण में देश के सभी नागरिकों का कर्तव्य है कि वह भाईचारे की मिसाल कायम करें एवं आतंकवाद से लड़ने में सरकार का सहयोग करें। अगर हम एक होकर रहते हैं, तो देश की अखंडता को कोई ताकत नुकसान नहीं पहुंचा सकती है।

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बच्चों की प्रतिक्रिया

प्रधानाचार्य द्वारा राष्ट्र की अखंडता पर लिखे लेख पढ़कर सुनाया है। लेख सुनकर हमने सीखा कि किसी भी राष्ट्र की उन्नति में उसकी एकता एवं अखंडता महत्वपूर्ण होती है। जाति, धर्म व भाषा की विभिन्नता के बावजूद भी हमारा देश एक है और इस एकता को देश की अखंडता के लिए बनाएं रखना हमारा उत्तरदायित्व है।

-छात्रा अंशिका चौधरी

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राष्ट्र की अखंडता पर लिखे लेख प्रधानाचार्य ने कक्षा में सुनाया और समझाया। हमने यह सीखा कि राष्ट्रीय एकता का मतलब ही यह होता है कि राष्ट्र के सब घटकों में भिन्न-भिन्न विचारों और विभिन्न आस्थाओं के होते हुए भी आपसी प्रेम और एकता भाईचारे का बना रहना।

-खुशी चौहान

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कक्षा में लेख सुनकर यह ज्ञात हुआ कि राष्ट्रीय अखंडता का अर्थ है राष्ट्र की भूमि के हर भाग की सुरक्षा करना, देश को बांटने वाले विदेशी आक्रमण या षड्यंत्र को विफल बनाना और आंतरिक एकजुटता बनाएं रखना। यही राष्ट्रीय अखंडता की भावना है।

-आयुषी

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प्रधानाचार्य द्वारा सुनाए गए लेख को हमने ध्यान से सुना। आवश्यक बातों को नोट भी किया। राष्ट्र की अखंडता पर लिखे हुए लेख से हमने सीखा कि राष्ट्रीय एकता ही अखंडता का आधार है। सबका विकास एवं कल्याण एकता में ही है।

-अश्वनी

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