लाल सड़न रोग की चपेट में 125 हेक्टेयर गन्ना
बीमारी के लक्षण व बीमारी की रोकथाम को किया जा रहा जागरूक गन्ने में उक्त बीमारी आने से च
जेएनएन, बिजनौर। गन्ने की मिठास पर लाल सड़न रोग का खतरा मंडरा रहा है। जिले में मुख्य रूप से 0238 गन्ना प्रजाति में उक्त बीमारी लगने का मामला सामने आया। लाल सड़न ने जिले में करीब 125 हेक्टेयर क्षेत्रफल गन्ने को अपनी चपेट में ले लिया है। गन्ना विभाग चीनी मिलों के सहयोग से उक्त बीमारी के लक्षण व बीमारी को नियंत्रण करने के उपाय किसानों को बता रहे हैं। इसके लिए गांवों में गोष्ठियां कराई जा रही हैं।
बिजनौर जनपद की मुख्य फसल गन्ना है। तकनीकी व अच्छे बीज का चयन करने से जिले में गन्ना उत्पादन में बढ़ोतरी हुई। 0238 गन्ना प्रजाति अगेती में अच्छा उत्पादन पाने पर जिले का पहले पायदान पहुंचा है, लेकिन अब गन्ना लाल सड़न बीमारी की चपेट में है। गन्ने का यह सबसे भयंकर रोग है। इस रोग को कैंसर भी कहा जाता है। जिला गन्ना अधिकारी यशपाल सिंह ने बताया कि 0238 प्रजाति गन्ने में लाल सड़न बीमारी ने अपनी चपेट में ले रही है। जिले में 125 हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ने में रोग लगा हुआ है। उन्होंने बताया कि बुंदकी क्षेत्र में करीब 52 हेक्टेयर, स्योहारा में चार हेक्टेयर, बिजनौर में चार हेक्टेयर, अफजलगढ़ में 20, धामपुर 74 हेक्टेयर में गन्ना उक्त बीमारी की चपेट में है। गोष्ठी व बैठक आदि के माध्यम से किसानों को उक्त बीमारी के लक्षण व रोग से बचाव के बारे में बताया जा रहा है। किसानों से फसल चक्र अपनाने, बीज में गन्ने का उपचार कराने के उपरांत बुआई करने की अपील की जा रही है। रोग ग्रस्त फसल की पेड़ी कदापि न रखें, जिस खेत में रोग लग गया हो उसमें गन्ने के बाद धान तथा हरी खाद का फसल चक्र अपनाएं। फसल चक्र अपनाने से जमीन में भी उर्वरा शक्ति बनी रहती है।