पुराने पुल के 100 साल पूर्ण, फिर भी आवाजाही

जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम बालावाली में वर्ष 1888 में ब्रिटिश काल में गंगा नदी कोलकाता-जम्मूतवी रेलवे ट्रैक पर पुल का निर्माण कराया था। 33 साल पहले इस पुल की मियाद के 100 साल पूरे हो गए। उस वक्त इस पुल के निर्माण पर 27.94 लाख रुपये खर्च हुए थे। वर्तमान में भी इस पुल से चौपहिया और दुपहिया वाहन गुजरते हैं। हालांकि वर्ष 2000 में पुराने पुल से रेल यातायात बंद कर दिया गया था।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 10:55 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 10:55 AM (IST)
पुराने पुल के 100 साल पूर्ण, फिर भी आवाजाही
पुराने पुल के 100 साल पूर्ण, फिर भी आवाजाही

जेएनएन, बिजनौर। जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम बालावाली में वर्ष 1888 में ब्रिटिश काल में गंगा नदी कोलकाता-जम्मूतवी रेलवे ट्रैक पर पुल का निर्माण कराया था। 33 साल पहले इस पुल की मियाद के 100 साल पूरे हो गए। उस वक्त इस पुल के निर्माण पर 27.94 लाख रुपये खर्च हुए थे। वर्तमान में भी इस पुल से चौपहिया और दुपहिया वाहन गुजरते हैं। हालांकि वर्ष 2000 में पुराने पुल से रेल यातायात बंद कर दिया गया था। वहीं तत्कालीन रेलमंत्री ममता बनर्जी ने छह मई 2000 को गंगा नदी पर बने नए रेल पुल से रेल यातायात कर शुभारंभ किया था। तत्कालीन शीशराम रवि, पूर्व राज्यमंत्री राजा गजनफ्फर अली एवं तत्कालीन सांसद हरिद्वार हरपाल सिंह साथी की मांग पर रेल मंत्री ने पुराने पुल को यूपी सरकार को हैंडओवर करने का ऐलान कर दिया था। इसके बाद से पुराने रेल पुल से लोगों ने पैदल, दुपहिया एवं चौपहिया वाहनों के जरिए आवाजाही शुरू कर दी। कैंचीनुमा लोहे के गार्डर से जुड़ा है पुल

बालावाली में बना पुराना रेलवे पुल कैंचीनुमा लोहे के गार्डर से जुड़ा है। वहीं दो पिलर से एप्रोच रोड को जोड़ा गया है। इस पुराने रेल पुल पर चोरी-छिपे खनन के भारी वाहन निकाले जा रहे हैं। हालांकि पिछले कुछ दिनों से पुलिस ने इस पुल से भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी थी। अंडरपास बना परेशानी का सबब

कोलाकाता-जम्मूतवी रेलवे ट्रैक पर नजीबाबाद से मुरादाबाद रेलवे लाइन पर कई पुल ब्रिटिश कालीन है। मुरशदपुर में गंगा नदी, बुंदकी पर बेलखला नदी और गांव जटपुरा में अंडरपास बना हुआ। हालांकि मुरशदपुर एवं बुंदकी के रेल पुल के क्षतिग्रस्त होने पर छह-सात साल पहले रेलवे प्रबंधन ने अप एवं डाउन लाइन के पुल के गार्डर बदले। रेलवे ने अंडरपास को बचाने के लिए अंडरपास के दोनों ओर हाईगेज लगा दिए। बदहाल पुल बन रहे जानलेवा

धामपुर : स्योहारा क्षेत्र में गांव कुरी और बुढ़नपुर के बीच ईकड़ा नदी पर ब्रिटिशकालीन पुल बना है। एक दशक पहले इस पुल की मियाद पुरी हो चुकी है। तीन साल पहले लोनिवि की देखरेख में नया पुल बनाने का काम शुरू हुआ था, कितु अभी तक इस पुल का निर्माण पूरा नहीं हुआ है। इस पुल की रेलिग भी टूटी हुई है। ग्रामीणों की डिमांड पर तत्कालीन विधायक स्व. लोकेंद्र चौहान ने नया पुल पास कराया था।

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आंकड़ों में जनपद के पुल:

-जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर है बालावाली का ब्रिटिशकालीन पुल।

-वर्ष 1888 में 27.94 लाख रुपये की लागत से हुआ था रेल पुल का निर्माण।

-वर्ष 2000 में इस पुल से बंद कर दिया गया था रेल यातायात।

-33 साल पहले पूरी हो गई रेल पुल की मियाद।

-कैंचीनुमा लोहे के गार्डर से जुड़ा है बालावाली पुल।

-छह मई 2000 को हुआ था गंगा नदी पर बने नए रेल पुल का शुभारंभ।

-तत्कालीन रेल मंत्री ने किया पुराने पुल को हैंडओवर करने का ऐलान।

-नजीबाबाद के मुरशदपुर में बना है ब्रिटिशकालीन अंडरपास।

-भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक को लगाए गए हैं हाईगेज।

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