खान-पान का रखें खयाल, अच्छी सेहत से रहेंगी खुशहाली

जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) महिलाओं को सेहतमंद रहने के लिए खान-पान संतुलित रखना ब

By JagranEdited By: Publish:Wed, 06 Oct 2021 06:15 PM (IST) Updated:Wed, 06 Oct 2021 06:15 PM (IST)
खान-पान का रखें खयाल, अच्छी सेहत से रहेंगी खुशहाली
खान-पान का रखें खयाल, अच्छी सेहत से रहेंगी खुशहाली

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : महिलाओं को सेहतमंद रहने के लिए खान-पान संतुलित रखना बहुत जरूरी है। विशेषतया महिलाओं को गर्भधारण की जानकारी होने के बाद पौष्टिक आहार और संतुलित खानपान का ख्याल रखना जरूरी है। गर्भवती महिलाएं अक्सर अपने आहार में कई नई चीजों को शामिल करती हैं। ज्यादातर महिलाएं ऐसी होती हैं, जिन्हें यह पता नहीं होता कि गर्भ धारण करने के बाद कौन सी चीजें कितनी मात्रा में खानी चाहिए। खान-पान नियमित और ठीक रखने से मां और पेट में पल रहा शिशु स्वस्थ रहेगा तो प्रसव में भी परेशानी से बचा जा सकता है।

बुधवार को जागरण हैलो डाक्टर कार्यक्रम में गर्भवती महिलाओं के सवालों के जवाब में स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. अर्चना यादव ने यह जानकारी दी। गर्भ धारण के उपरांत महिलाओं को खान-पान में हरी पत्तेदार सब्जियां, गुड़, दूध व अन्य जरूरी विटामिन युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन का सुझाव दिया। महिलाओं से जुड़े अन्य स्वास्थ्य संबंधी सवालों का जवाब देकर जिज्ञासा शांत किया।

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सवाल : डायबिटीज की दिक्कत है। बचाव और उपचार सुझाएं।

जवाब : डायबिटीज की बीमारी में परहेज जरूरी है। सबसे पहले गैस की दवा सुबह खाली पेट जरूर लें। थोड़े-थोड़े अंतराल पर कुछ न कुछ जरूर खाते रहें। चाय का सेवन न करें। चाय पीना जरूरी है तो चाय के साथ कुछ न कुछ जरूर खाएं। चावल व मीठे पदार्थ से दूर रहने पर डायबिटीज नियंत्रित रहेगा। अधिक पानी पीएं। अगर चावल खाना भी है तो रोटी चावल एक साथ न खाएं। दिक्कत महसूस होने पर डाक्टर से सलाह लेकर उपचार जरूर कराएं। सवाल : घुटना व कमर में दर्द है। उपचार बताएं।

जवाब : महिलाओं में अनियमित दिनचर्या व खान-पान में लापरवाही की वजह से ल्यूकोरिया की अधिक शिकायत होती है। खान-पान व साफ-सफाई का ध्यान रखकर इस परेशानी से बचा जा सकता है। बाथरूम जाने से पहले व बाद साफ-सफाई का ध्यान रखें। सफाई न करने से इंफेक्शन होने की संभावना अधिक रहती है। सवाल : गभर्वती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव के लिए क्या सतर्कता बरती जाए।

जवाब : गर्भवती महिलाओं को गर्भधारण के तीन से नौ माह के अंतराल में समय-समय पर विशेषज्ञ चिकित्सक से जांच जरूरी है। एंटीवेटल विजिट में ब्लड प्रेशर, थॉयराइड व हीमोग्लोबिन की जांच जाती है। कम उम्र की शादी के बाद गर्भ धारण करने पर महिलाओं में बीमारी पनपती है। गर्भ धारण करने वाली महिला हाई रिस्क प्रेगनेंसी की श्रेणी में होती है। विशेष खान-पान व देख-रेख की जरूरत होती है, दूसरे बच्चे के बाद की गर्भवती महिलाओं में खून की कमी की संभावना अधिक है। सवाल : डाक्टरों के सलाह पर अल्ट्रासाउंड कराया तो बच्चेदानी में छेद की रिपोर्ट आई है।

जवाब : दिनचर्या ठीक रखें। अधिक तेल मसाला का उपयोग न करें। बाहर का तला व चिकना सामान खाने से परहेज करें। इसके अलावा अल्ट्रासाउंड में आए रिपोर्ट के हिसाब से विशेषज्ञ चिकित्सक से उपचार कराएं, दिक्कत दूर हो जाएगी।

सवाल : माहवारी नियत समय पर नहीं आती है, कई दिनों तक ब्लड जाना बंद नहीं होता। जिससे दर्द भी बना रहता है।

जवाब : 45 वर्ष की उम्र के बाद माहवारी बंद होने का पीरिएड होता है। जिसकी वजह से समय से नहीं आता है। विशेषज्ञ चिकित्सक को दिखाकर जांच कराएं। रिपोर्ट के अनुसार उपचार कराने से ठीक हो जाएगी। समय से उपचार जरूरी है।

सवाल : पत्नी को थायराइड की दिक्कत है। पैर में झुनझुनाहट का इलाज बताएं।

जवाब : थायराइड जैसी गंभीर बीमारी में उम्र के हिसाब से बदलाव होता है। रोग से पीड़ित मरीज को हर तीन माह पर जांच कराना जरूरी होता है। हीमोग्लाबिन, ब्लड शूगर समेत अन्य रिपोर्ट पर योग्य चिकित्सक की सलाह पर दवा का सेवन करने से राहत मिल सकती है।

सवाल : पत्नी को धात की बीमारी है। उपचार बताएं।

जवाब : महिलाओं में धात मतलब पानी जाने की बीमारी सामान्यतया साफ-सफाई नहीं होने से इंफेक्शन होने की वजह से होता है। गर्भवती महिलाओं के घरेलू या दाई के संरक्षण में प्रसव के दौरान साफ-सफाई में लापरवाही की जाती है। बच्चेदानी में घाव हो जाता है। समय से उपचार न कराने पर धात की दिक्कत से घातक बीमारी के चपेट में भी आने की संभावना रहती है। योग्य चिकित्सक से परामर्श लेकर जांच व उपचार कराएं।

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इन्होंने किए सवाल : सावित्री देवी रामदेव पट्टी, सुनील कुमार मौर्य कड़ोर, रजनी जायसवाल गोपीगंज, विनीता सिंह औराई, कविता यादव सुरियावां व रानी यादव निवासी नथईपुर भदोही।

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