महिलाओं को सहानुभूति नहीं, बल्कि समानुभूति की जरूरत

जासं, भदोही : डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी राजकीय महाविद्यालय में रविवार से चल रहे कामकाजी महिलाओं की प

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Mar 2020 09:04 PM (IST) Updated:Mon, 02 Mar 2020 09:04 PM (IST)
महिलाओं को सहानुभूति नहीं, बल्कि समानुभूति की जरूरत
महिलाओं को सहानुभूति नहीं, बल्कि समानुभूति की जरूरत

जासं, भदोही : डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी राजकीय महाविद्यालय में रविवार से चल रहे कामकाजी महिलाओं की परिस्थिति, मुद्दे, चुनौतियां व समाधान विषयक दो दिवसीय सेमिनार का मंगलवार को समापन हुआ। काशी हिदू विश्वविद्यालय की प्रो. चंद्रकला त्रिपाठी ने वर्तमान समय महिलाओं की समस्या पर चर्चा करते हुए समाधान पर बल दिया। कहा कि वर्तमान परिवेश में महिलाओं को सहानुभूति नहीं बल्कि समानुभूति की आवश्यकता है। कहा कि इसकी शुरुआत बेटियों की उच्च शिक्षा के साथ होनी चाहिए। जब बेटियां उच्च शिक्षा ग्रहण करेंगी तो वे न सिर्फ स्वयं आत्मनिर्भर बनेंगी, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणास्त्रोत साबित होंगी। बीएचयू से प्रो. वीएन त्रिपाठी ने भी महिलाओं की वर्तमान समस्या व उसके समाधान पर बल दिया। इसी तरह केएलपीजी महाविद्यालय ज्ञानपुर के प्राचार्य डा. पीएन डोंगरे ने महिलाओं की समाज में बढ़ती भूमिका पर चर्चा करते हुए कहा कि उन्हें अधिक से अधिक सुविधाएं प्रदान करने पर बल दिया। राजकीय महाविद्यालय भानुपुर की प्राचार्या डा. सुनंदा चतुर्वेदी, डा. यशोधरा शर्मा, डा. एसएन वर्मा, डा. हरिराम यादव, डा. आरती निर्मल, डा. सुप्रिया सिंह आदि ने विचार व्यक्त किए। प्राचार्य डा. मुरलीधर राम ने संबंधित विषय को वर्तमान समाज की आवश्यकता बताया। अतिथियों का स्वागत करते हुए उन्हें अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया। संचालन डा. वर्षारानी सिंह ने किया। इस मौके पर डा. अवधेश कुमार, डा. यशवीर सिंह, डा. ब्रिजेश सिंह, डा. गौतम गुप्ता, डा. रुस्तम अली सहित महाविद्यालय से समस्त प्रवक्तागण थे।

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