जलजमाव से मिलेगी मुक्ति, आएगी स्वच्छता
जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) लाखों रुपये खर्च कर मकान का निर्माण कर लिया। घर में उ
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : लाखों रुपये खर्च कर मकान का निर्माण कर लिया। घर में उपयोग के बाद पानी बहाने की बारी आई तो फिर शुरू हो गया रोना, कहां जाय न तो नाली है न ही कोई अन्य व्यवस्था। लिहाजा सड़क व गलियों में छोड़ दिए जाने वाले पानी से खुद भी झेलने लगे समस्या।
इन समस्याओं से निताज पाने का एकमात्र उपाय है रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम। इस सिस्टम में समस्या का पूरा समाधान है। मकान में आने वाली लागत के साथ महज कुछ रुपये और खर्च कर यह सिस्टम स्थापित कर लिया तो फिर जहां जल संकट की समस्या दूर होगी वहीं भूगर्भ जल स्तर को भी मेंटेन रखा जा सकेगा।
यूं तो नगरीय क्षेत्रों में 300 स्क्वायर मीटर के क्षेत्रफल में बनने वाले मकानों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम को अनिवार्य किया गया है। बगैर इसके मकान निर्माण का नक्शा तक पास न करने का प्रावधान है। वैसे यह नियम केवल कागजी कोरम तक सिमटा दिखाई पड़ता है। स्थिति यह है कि लाखों, करोड़ों रुपये खर्च कर अट्टालिकाएं खड़ी कर लेने वाले सुविधा संपन्न लोग भी इस सिस्टम को लगाने को लेकर उदासीन हैं।
ऐसे लोग जल का अंधाधुध दोहन करने से भी पीछे नहीं हटते। जरूरत है कि गहराते जल संकट के इस दौर में आने वाली पीढ़ी के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए जल संचयन का प्रयास किया जाय। इसके लिए रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम अच्छा विकल्प है।
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- विनियमित क्षेत्र के अभियंता आबिद खान ने बताया कि कि 300 स्क्वायर मीटर के भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम का निर्माण कराना अनिवार्य है। इससे अधिक के क्षेत्रफल में बन रहे सरकारी भवनों में इनका निर्माण हो भी रहा है। गैर सरकारी भवन व प्रतिष्ठानों में भी इसे बनवाने का प्रयास किया जा रहा है। खर्च के बारे में बताया कि 300 स्क्वायर मीटर से कम के क्षेत्रफल वाले मकान में यदि रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम स्थापित कराना है तो 15 से 20 हजार रुपये के बीच खर्च आएगा।