विदेश में खोले जाएंगे दो वेयर हाउस

कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) के चेयरमैन सिद्धनाथ सिंह ने कहा कि कालीन निर्यात को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही विदेश में दो वेयर हाउस खोले जाएंगे। इसके लिए लैटिन अमेरिका के देशों में स्थान चयनित किया गया है। भारतीय कालीन प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईसीटी) में मंगलवार को प्रिरहेंसिव हैंडिकाफ्ट्रस क्लस्टर डेवलपमेंट स्कीम (सीएचसीडीएस) के तहत कार्पेट लूम व टफ्टिग फ्रेम वितरण विषयक जागरूकता कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि वे बोल रहे थे। कहा कि मुंबई के वर्ली में परिषद ने स्थान चयनित किया है जहां पर कालीनों भव्य शो रूम स्थापित किया जाएगा। बताया कि विदेश में वेयर हाउस व मुंबई में शो रूम स्थापित होने के बाद व्यवसाय को पंख लग जाएंगे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 17 Jul 2019 12:37 AM (IST) Updated:Wed, 17 Jul 2019 12:37 AM (IST)
विदेश में खोले जाएंगे दो वेयर हाउस
विदेश में खोले जाएंगे दो वेयर हाउस

जासं, भदोही : कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) के चेयरमैन सिद्धनाथ सिंह ने कहा कि कालीन निर्यात को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही विदेश में दो वेयर हाउस खोले जाएंगे। इसके लिए लैटिन, अमेरिका के देशों में स्थान चयनित किया गया है। वह भारतीय कालीन प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईसीटी) में मंगलवार को प्रिरहेंसिव हैंडीकाफ्ट्रस क्लस्टर डेवलपमेंट स्कीम (सीएचसीडीएस) के तहत कार्पेट लूम व टफ्टिग फ्रेम वितरण विषयक जागरूकता कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। कहा कि मुंबई के वर्ली में परिषद ने स्थान चयनित किया है जहां पर कालीनों का भव्य शो रूम स्थापित किया जाएगा। विदेश में वेयर हाउस व मुंबई में शो रूम स्थापित होने के बाद व्यवसाय को पंख लग जाएंगे।

चेयरमैन ने कहा कि वर्तमान समय में विश्व बाजार में मशीन मेड कालीनों की मांग है। ऐसे में निर्यातकों को समय व ग्राहकों की पसंद के अनुसार तैयारी करनी होगी। कहा कि कालीन बनाने वाली मशीन व सब्सिडी की डिमांड सरकार से की गई है। श्री सिंह कहा कि अमेरिका सबसे बड़ा आयातक देश है, वहां के आयातकों को भारत आवागमन के दौरान सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग भी सरकार के सामने सीईपीसी ने रखा है। इससे पहले संस्थान के निदेशक प्रो. आलोक कुमार ने नवनियुक्त चेयरमैन का स्वागत किया। इस मौके पर एकमाध्यक्ष ओएन मिश्रा, उपाध्यक्ष अब्दुल हादी, हाजी शाहिद हुसैन, उमेश गुप्ता मुन्ना, पीयूष बरनवाल, एच.एन मौर्य, आलोक बरनवाल, इश्तियाक खां, वीके सिन्हा सहित संस्थान के समस्त अधिकारी व प्रोफेसर थे।

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