अंतरराष्ट्रीय बाजारों का मूल्यांकन जरूरी
जासं भदोही कोविड-19 के चलते विश्व व्यापार की स्थित बदल चुकी है। उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए आभासी और भौतिक गतिविधियों को गतिमान रखना जरूरी है। ऐसा मानना है कालीन उद्यमियों का। इसके लिए सरकार से सहयोग की जरूरत है ताकि अंतरराष्ट्रीय बाजारों का मूल्यांकन कर उसी के अनुसार व्यवसाय को बढाया जा सके। दिसंबर वर्ष 2020 में कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) ने भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) के सामने कालीन उद्योग की समस्याओं को उठाते हुए समाधान के लिए इस संबंध में सुझाव रखे थे।
जासं, भदोही : कोविड-19 के चलते विश्व व्यापार की स्थित बदल चुकी है। उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए आभासी और भौतिक गतिविधियों को गतिमान रखना जरूरी है। ऐसा मानना है कालीन उद्यमियों का। इसके लिए सरकार से सहयोग की जरूरत है ताकि अंतरराष्ट्रीय बाजारों का मूल्यांकन कर उसी के अनुसार व्यवसाय को बढाया जा सके। दिसंबर वर्ष 2020 में कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) ने भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) के सामने कालीन उद्योग की समस्याओं को उठाते हुए समाधान के लिए इस संबंध में सुझाव रखे थे।
विदेश व्यापार को बढावा देने के लिए पूर्व में सरकार के सहयोग से सीईपीसी के नेतृत्व में निर्यातकों का प्रतिनिधिमंडल प्रमुख आयातक देशों का भ्रमण करता था। भ्रमण के दौरान बाजार के रुख का आंकलन किया जाता था। ग्राहकों की रूचि व प्रचलन के अनुसार उत्पादन किया जाता था। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण एक तरफ जहां अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस जैसे प्रमुख आयातक देश प्रभावित हुए वहीं व्यवसाय की दिशा में काफी परिवर्तन आ चुका है। निर्यातकों को विदेश में प्रचार के दौरान मिलने वाले अनुदान को पांच फीसद से बढ़ाकर 20 फीसद करने की मांग की गई थी। नए बाजारों की क्षमता का मूल्यांकन करने के लिए ती से पांच सदस्यों वाले छोटे प्रतिनिधिमंडल को विदेश भेजने के लिए उद्योग का समर्थन करने का सुझाव शामिल था।
---------------------------समय समय पर बाजार मूल्यांकन होना चाहिए। इससे बाजार के रुख का पता चलता है। उसी के अनुसार निर्यातक उत्पादों में बदलाव करते हैं। इसका कालीन उद्योग को लाभ मिलता है। बावजूद इसके सरकार को सीईपीसी के सुझाव को अमल लाना चाहिए।
चित्र-22 ओंकारनाथ मिश्रा, अध्यक्ष अखिल भारतीय कालीन निर्माता संघ (एकमा)
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महामारी के कारण निर्यातकों के साथ आयातक भी प्रभावित हुए हैं। जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन में लंबे समय तक चले लाकडाउन के कारण आर्थिक संकट भी उत्पन्न हुआ है। अधिकतर ग्राहक नई वेराइटीज के सस्ते उत्पादों की खरीद पर जोर दे रहे हैं।
चित्र-23----- जयप्रकाश गुप्ता, वरिष्ठ निर्यातक