विकास के दावे को झुठला रही दुबहां दलित बस्ती की हकीकत

किसी भी गांव व बस्ती के लोगों को मूलभूत सुविधाओं जैसे सड़क पानी प्रकाश जैसी सुविधा के लिए परेशानी न उठानी पड़े। इसे लेकर तमाम दावे हो रहे हैं तो आए दिन दिशा निर्देश भी जारी हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 06:23 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 06:23 PM (IST)
विकास के दावे को झुठला रही दुबहां दलित बस्ती की हकीकत
विकास के दावे को झुठला रही दुबहां दलित बस्ती की हकीकत

जागरण संवाददाता, चौरी (भदोही) : किसी भी गांव व बस्ती के लोगों को मूलभूत सुविधाओं जैसे सड़क, पानी, प्रकाश जैसी सुविधा के लिए परेशानी न उठानी पड़े। इसे लेकर तमाम दावे हो रहे हैं तो आए दिन दिशा निर्देश भी जारी हो रहे हैं। गांव से लेकर उच्च सदन तक में चुने जाने वाले जनप्रतिनिधि भी आए दिन होने वाले कार्यक्रमों में बगैर किसी भेदभाव के अपने पूरे गांव व क्षेत्र का विकास कराने का दावा भी करते हैं। ऐसे समय में एक किलोमीटर दूर से पीने का पानी लाने को विवश भदोही ब्लाक क्षेत्र के दुबहां गांव की दलित बस्ती के लोग विकास व दावे की सारी हकीकत की पोल खोल रहे हैं। बस्ती में पेयजल का संकट बना है लेकिन आज तक हर स्तर से उपेक्षा ही होती रही है।

करीब दो दशक से आबाद 15 घरों की दलित बस्ती में आज तक पेयजल के लिए एक हैंडपंप तक की स्थापना किसी भी जनप्रतिनिधि की ओर से नहीं कराई जा सकी है। ऐसा नहीं है कि इसकी आवाज न उठती हो। चुनाव के समय में पहुंचने वाले तमाम दावेदार हर समस्या का हल कराने का आश्वासन भी देते रहे हैं लेकिन रात गई बात गई की तर्ज पर चुनाव खत्म होते ही सबकुछ भूल जाते हैं। यहां तक की पांच पंचवर्षीय योजना में गांव में चुने गए ग्राम प्रधानों तक ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। मौजूदा समय में पड़ रही भीषण गर्मी व तेज धूप के इस दौर में बस्ती के लोग एक किमी दूर स्थित एक कुंए से पानी लाने को विवश हैं। गांव निवासी हंसराज ने बताया कि बस्ती के लोग आर्थिक रूप से इतने मजबूत नहीं है कि अपने से हैंडपंप लगवा सकें। जबकि कई बार जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के दर पर दस्तक दी गई लेकिन कहीं से समस्या का हल नहीं हो सका। अब तो किसी से कहने का भी मन नहीं करता। इसी तरह बस्ती के अन्य लोगों ने भी उपेक्षा का आरोप लगाया।

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