मोहर्रम के बाद चेहल्लुम भी शांति पूर्वक संपन्न
चित्र 24--नहीं निकला जुलूस -इमाम चौकों पर दिन भर चला नजरो-नियाज का सिलसिला -सुरक्षा के मद्देनजर संवेदनशील स्थानों पर तैनात रही पुलिस
जासं, भदोही : यौम-आशूरा मोहर्रम की तरह चेहल्लुम भी शांतिपूर्ण वातावरण में संपन्न हो गया। कोरोना गाइडलाइन के मद्देनजर शासन की मंशा के अनुसार ताजिया का जुलूस नहीं निकाला गया। कुछ मोहल्लों में छोटी ताजिया बनाकर इमाम चौकों पर रखे गए थे। जहां लोगों ने नजरो-नियाज कर शोहदा-ए-करबला को खिराजे अकीदत पेश किया। यह सिलसिला शाम तक जारी रहा। घरों में बने खिचड़ा व मलीदा फातेहा कर लोगों में बांटा गया। यौमे-आशूरा की तरह चेहल्लुम पर महिलाओं ने रोजा रखकर हजरते इमाम हुसैन के प्रति अपनी मुहब्बत का इजहार किया। सुरक्षा के मद्देनजर मंगलवार को सुबह से ही पुलिस व पीएसी के जवानों को शहर के संवेदनशील स्थानों पर नियुक्त कर दिया गया था। जबकि प्रभारी निरीक्षक अंजनी कुमार राय के नेतृत्व में पुलिस दिन भ्रमणशील रही। मदरसा शमसिया तेगिया के प्रिसिपल मौलाना फैसल हुसैन अशरफी ने कहा कि करबला का वाकया हमें शांति व सौहार्द का पैगाम देता है। कहा कि इमाम हुसैन ने यजीदी फौज के आगे झुकने से इसलिए इंकार कर दिया क्योंकि वे सच्चाई की राह पर थे। कहा कि करबला की जंग के 1400 साल बाद भी लोग हजरत इमाम हुसैन को इज्जत व एहतराम के साथ याद करते हैं लेकिन यजीद का नाम लेने वाला कोई नहीं है। उधर बेलाल मुसाफिर खाना स्थित हेलाल बस्ती, अंबर नीम, कटरा बाजार सहित कुछ स्थानों पर छोटी ताजिया बनाकर इमाम चौकों पर रखा गया था। जबकि शेष स्थानों पर इमाम चौकों की साफ सफाई कर इस्लामी झंडे लगाकर लोगों ने अपनी अकीदत का इजहार किया। भले ही जुलूस पर प्रतिबंध रहा लेकिन सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन अलर्ट रहा। इमाम चौकों पर पुलिस की ड्यूटी लगा दी गई थी, जबकि शहर के संवेदनशील क्षेत्रों में तकिया कल्लन शाह, अजीमुल्लाह चौराहे पर फोर्स डटी रही।