जर्जर भवनों को गिराने का आदेश ठंडे बस्ते में

जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) विद्यालयों सहित अन्य सरकारी विभागों के जर्जर व निष्प्रयोज्य घ

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 04:36 PM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 04:36 PM (IST)
जर्जर भवनों को गिराने का आदेश ठंडे बस्ते में
जर्जर भवनों को गिराने का आदेश ठंडे बस्ते में

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : विद्यालयों सहित अन्य सरकारी विभागों के जर्जर व निष्प्रयोज्य घोषित भवनों को नीलामी प्रक्रिया संपन्न कराकर ध्वस्त कराने के लिए अपर मुख्य सचिव की ओर से जारी फरमान ठंडे बस्ते में चला गया है। बच्चों व शिक्षकों तक के लिए खतरा-ए-जान बने जर्जर व निष्प्रयोज्य घोषित डेढ़ सौ परिषदीय विद्यालय भवनों को ध्वस्त कराने के प्रति कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। जबकि फटी दीवारों तो कहीं जर्जर हो चुके छतों के चलते खंडहर में तब्दील हो चुके करीब कई विद्यालय भवन कब धराशायी हो जाएं कुछ कहा नहीं जा सकता। शिक्षकों से लेकर अभिभावकों तक को बच्चों की सुरक्षा का भय सताता रहता है। इसके बाद भी विद्यालय प्रबंध समितियां अनभिज्ञ बनी हैं। हालांकि गाजीपुर में शौचालय के जर्जर भवन का छज्जा गिरने से एक बच्चे की हुई मौत के बाद एक बार फिर से शिक्षा महकमे में हलचल मच चुकी है।

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- केस एक : जिला मुख्यालय नगर ज्ञानपुर में स्थित कंपोजिट विद्यालय परिसर में स्थित जर्जर व निष्प्रयोज्य घोषित भवन वर्षों से बच्चों के लिए खतरा बना दिख रहा है। आज तक गंभीरता से उसे ध्वस्त कराने को लेकर कोई पहल नहीं हो सकी। हालांकि बच्चे उसमें पढ़ते नहीं लेकिन दिन भर उसमे आना-जाना लगा रहता है। इससे हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता।

- केस दो : प्राथमिक विद्यालय बड़वापुर के कक्ष जर्जर हो चुके हैं। यहां तक कि छतों में दरारें दिखती हैं। भवन को निष्प्रयोज्य घोषित किया जा चुका है। दूसरा कोई कक्ष न होने से उसी भवन में बैठाकर बच्चों को पढ़ाना पड़ रहा है। इससे किसी भी समय हादसे का खतरा बना है। विभाग की ओर से नए भवन के निर्माण को लेकर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

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आया था अपर मुख्य सचिव का पत्र

- दरअसल, गाजियाबाद मुरादनगर में करीब दो वर्ष पहले अंत्येष्टि स्थल का बरामदा धराशाई होने के बाद मुख्यमंत्री ने खतरा बने जर्जर व निष्प्रयोज्य विद्यालय भवनों को ध्वस्त कराने का शासनादेश जारी किया गया गया है। तो कार्रवाई के लिए प्रदेश शासन की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार का पत्र भी जारी हुआ था। बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिगत शासन स्तर से यह निर्यण लिया गया था। इसके बाद भी गंभीरता नहीं दिखाई गई।

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- जर्जर व निष्प्रयोज्य भवनों को ध्वस्त कराने के लिए समस्त खंड शिक्षाधिकारी व प्रधानाध्यापकों को निर्देश जारी है। वह वैधानिक तरीके से नीलामी प्रक्रिया संपन्न कराकर ध्वस्त करा सकते हैं।

भूपेंद्र नारायण सिंह, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी, भदोही।

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