28 घंटे तक डेरा जमाए रही आयकर टीम, निर्यातकों में हड़कंप

गत मंगलवार से आयकर विभाग वाराणसी के अधिकारियों की टीम द्वारा की जा रही निर्यात प्रतिष्ठानों में जांच का सिलसिला शनिवार को भी जारी रहा। इस बीच गंगापुर स्थित सैफ कारपेट में जांच करने वाली टीम बुधवार की भोर में वाराणसी लौट गई जबकि रयां स्थित इस्टर्न होम्स में जांच का क्रम बुधवार की देर शाम तक बदस्तूर जारी था। गत मंगलवार

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Sep 2018 06:55 PM (IST) Updated:Thu, 13 Sep 2018 01:03 AM (IST)
28 घंटे तक डेरा जमाए रही आयकर टीम, निर्यातकों में हड़कंप
28 घंटे तक डेरा जमाए रही आयकर टीम, निर्यातकों में हड़कंप

जागरण संवाददाता, भदोही: आयकर विभाग वाराणसी के अधिकारियों की टीम द्वारा गत मंगलवार से की जा रही निर्यात प्रतिष्ठानों में जांच का सिलसिला शनिवार शाम छह बजे तक जारी रहा। इस बीच गंगापुर स्थित सैफ कारपेट में जांच करने वाली टीम बुधवार की भोर में वाराणसी लौट गई, जबकि रयां स्थित इस्टर्न होम्स कंपनी में जांच का क्रम बुधवार की देर शाम तक बदस्तूर जारी था।

बताते चलें कि गत मंगलवार को दोपहर लगभग दो बजे अपर आयुक्त अभय ठाकुर के नेतृत्व में लगभग सौ अधिकारियों, कर्मचारियों संग पहुंची विभागीय टीम अलग-अलग दो कालीन कंपनियों में एक साथ रयां स्थित इस्टर्न होम्स तथा गंगापुर स्थित सैफ कारपेट में धमकी। अधिकारियों ने तमाम दस्तावेज व हार्ड डिस्क सहित अन्य रिकार्ड अपने कब्जे में ले लिया था। इस बीच मंगलवार की रात भर जांच का सिलसिला जारी रहा। हालांकि सैफ कारपेट में जांच करने वाली टीम भोर में तीन बजे आवश्यक दस्तावेज, हार्ड डिस्क सहित अन्य रिकार्ड अपने साथ लेकर वापस वाराणसी लौट गई, जबकि इस्टर्न होम्स में जांच कर रही टीम शनिवार की देर शाम तक कंपनी के अंदर ही थी। इस दौरान कंपनियों में सभी तरह के कामकाज ठप रहे।

-निर्यातकों की ¨चता बढ़ी

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लंबी जांच प्रक्रिया के मद्देनजर अंदाजा लगाया जा रहा है कि उक्त कंपनी में अधिकारियों को कुछ अनियमितता तो जरूर मिली होगी। उधर आयकर विभाग की टीम के 30 घंटे तक कालीन नगरी में डटे रहने से अन्य उद्यमियों की ¨चता बढ़ गई है। इस दौरान बुधवार को भी कई कंपनियों में ताले लटके रहे तथा कामकाज प्रभावित हुआ। उधर छापेमारी तथा लंबी जांच प्रक्रिया को लेकर कालीन नगरी में चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। लोगों का कहना है कि इस बार विभाग ने बड़ी कंपनियों को निशाने पर लिया है तथा जिस प्रकार से जांच प्रक्रिया चल रही है उसे देखते हुए भारी अनियमितता की संभावना जताई जा रही है।

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