ऐसे तो लड़ चुके तीसरी लहर से, डीघ में अभी तक नहीं रखी गई प्लांट की बुनियाद

जागरण संवाददाता ज्ञानपुर(भदोही) कोरोना वायरस की तीसरी लहर इसी महीने के अंत से शुरू होने की आशंका है लेकिन आक्सीजन प्लांट करने की तैयारी कछप गति से चल रहा है। जिले में पांच आक्सीजन प्लांट स्थापित करने की योजना बनाई गई है। सुरियावां में कालीन निर्यातकों के सहयोग से तो महाराजा बलवंत सिंह अस्पताल में सांसद और विधायक निधि से प्लांट तैयार किया जा रहा है। महाराजा चेतसिंह जिला अस्पताल और औराई में कंपनियों ने सहयोग किया है। इन स्थानों पर काम तो शुरू करा दिया गया है लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डीघ में अभी तक बुनियाद भी नहीं रखी जा सकी है। यहां पर प्लांट लगाने के लिए जिला प्रशासन डोनर की तलाश में हैं। अभी तक कोई बड़ा दानदाता नहीं मिल पाया जो प्लांट स्थापित कराने लिए एक करोड़ सहायता कर सके।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 11:35 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 11:35 PM (IST)
ऐसे तो लड़ चुके तीसरी लहर से, डीघ में अभी तक नहीं रखी गई प्लांट की बुनियाद
ऐसे तो लड़ चुके तीसरी लहर से, डीघ में अभी तक नहीं रखी गई प्लांट की बुनियाद

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर(भदोही): कोरोना वायरस की तीसरी लहर इसी महीने के अंत से शुरू होने की आशंका है, लेकिन आक्सीजन प्लांट करने की तैयारी कच्छप गति से चल रहा है। जिले में पांच आक्सीजन प्लांट स्थापित करने की योजना बनाई गई है। सुरियावां में कालीन निर्यातकों के सहयोग से तो महाराजा बलवंत सिंह अस्पताल में सांसद और विधायक निधि से प्लांट तैयार किया जा रहा है। महाराजा चेतसिंह जिला अस्पताल और औराई में कंपनियों ने सहयोग किया है। इन स्थानों पर काम तो शुरू करा दिया गया है लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डीघ में अभी तक बुनियाद भी नहीं रखी जा सकी है। यहां पर प्लांट लगाने के लिए जिला प्रशासन डोनर की तलाश में हैं। अभी तक कोई बड़ा दानदाता नहीं मिल पाया जो प्लांट स्थापित कराने लिए एक करोड़ सहायता कर सके।

वैश्विक महामारी के दूसरे लहर में आक्सीजन को लेकर जो हायतौबा मचा था उसे याद कर एक बारगी रौंगटा खड़ा हो जाता है। संक्रमित परिवार के लोग लाखों रुपये लेकर आक्सीजन सिलेंडर के लिए इधर-उधर चक्कर काट रहे थे लेकिन नहीं मिल रहा था। आक्सीजन की कमी से आए दिन मौत हो रही थी। देखते ही देखते मरने वालों की संख्या इतना अधिक हो गई कि शवदाह गृह में शव रखने का स्थान नहीं मिला। लकड़ी आदि के दाम भी आसमान पर पहुंच गए। विशेषज्ञों का मत है कि अगस्त के अंतिम सप्ताह में संक्रमण का तीसरी लहर आने की संभावना जताई है। इसकी तैयारी करने के लिए पहले ही शासन की ओर से निर्देश जारी किया गया है। इसी के तहत जिले में पांच स्थानों पर आक्सीजन प्लांट स्थापित किए जाने की तैयारी चल रही है। सुरियावां में प्लांट का लोकार्पण कर दिया गया है लेकिन संचालन अभी तक नहीं हो सका है। भदोही में फाउंडेशन तो बना दिया गया है लेकिन अभी तक उपकरण नहीं आ सके हैं। यही हाल औराई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भी है। यहां पर अभी तक प्लांट नहीं लगाया जा सका है। महाराजा चेतसिंह जिला अस्पताल में प्लांट आया तो है लेकिन अभी तक पाइप लाइन से आपूर्ति नहीं की जा सकी है।

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खूब हुई रेमडेसिविर की कालाबाजारी

कोरोना के दूसरे लहर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की खूब कालाबाजारी की गई थी। इस पर अंकुश लगाने के लिए जिलाधिकारी की अनुमति से इंजेक्शन दी जा रही थी। बाजार में तो इसका दाम पचास हजार तक वसूला गया। बीटामिन सी की गोली भी नहीं मिल पा रही थी। तीसरे लहर को देखते हुए अभी तक प्रशासन की ओर से कोई तैयारी नहीं की गई है। अस्पतालों में बीटामिन सी की उपलब्धता भी कम है।

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शवदाह गृह ध्वस्त, नहीं हो सका है निर्माण

गंगा घाट पर लाखों रुपये खर्च कर शव दाह गृह का निर्माण कराया गया है। मानक की अनदेखी कर बनाए गए गए शवदाह गृह पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं। तीसरी लहर को देखते हुए शवदाह गृह का मरम्मत नहीं कराया जा सका है। जिला प्रशासन की ओर से अभी तक इसकी तैयारी नहीं की जा सकी है।

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