लर्निंग लाइसेंस केबिन में कब्जा, धन लेकर पास कराए अभ्यर्थी
जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी के दफ्तर का दरवाजा दलाल
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी के दफ्तर का दरवाजा दलालों के लिए खुला है। लर्निंग लाइसेंस केबिन पर भी कब्जा है। सीधे नहीं तो बैक डोर से वेंडर बनकर खुला खेल किया जा रहा है। रिटायर होने के बाद भी लिपिक का मोहभंग नहीं हो रहा है।
तीन माह से वह दफ्तर में फाइलों की
देखभाल कर रहे हैं। अफसर के खास होने के कारण दफ्तर में उनका सिक्का चलता है। जानते हुए भी लोग कुछ बोलने को तैयार नहीं है। सवाल किया गया तो लोग बस यही कहते रहे कि सीसीटीवी कैमरा देख लें। हकीकत यह है कि लाइसेंस की परीक्षा में कोई फेल नहीं होता है। फेल भी वहीं होता है जो तालमेल नहीं करता है। यहां पर तैनात वेंडर और लिपिक अपनी फितरती अंदाज में अभ्यर्थियों के पास करा देते हैं।
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बेधड़क लगा रहा दलालों का आना-जाना
सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी के कार्यालय में दलालों का बेधड़क आना-जाना लगा रहा। निरीक्षण के दूसरे दिन ही दलालों की भीड़ का जमघट फिर लगने लगा। लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन, अभिलेखागार आदि स्थानों पर दलाल काम कराने में जुटे रहे।
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रिटायर के तीन माह बाद भी सजा रहे दरबार
सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी के दफ्तर में तैनात एक लिपिक जुलाई माह में ही रिटायर हो गए हैं। इसके बाद भी उनका मोहभंग नहीं हो रहा है। वह सुबह दस से पांच बजे तक पटल संभाले रहते हैं। कागज में उनके स्थान पर एक लिपिक तैनात कर दिया गया है लेकिन आलमारी की चाबी अभी उनके हाथ में ही है।
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रिटायर कर्मचारी से किसी भी प्रकार का काम नहीं लिया जाता है। वह अपना जीपीएफ और पेंशन के लिए कार्यालय में आते हैं। दलालों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित है। सीसीटीवी कैमरा हर समय सक्रिय रहता है।
अरुण कुमार, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी भदोही।