दो साल से ठप है नगर का विकास, मुख्यमंत्री से है आस
सवाल -मंत्रालय में डेढ़ साल से धूल फांक रही है 372 करोड़ के कार्यो की फाइल -10 माह बीत
सवाल
-मंत्रालय में डेढ़ साल से धूल फांक रही है 372 करोड़ के कार्यो की फाइल -10 माह बीते, शहर में शामिल 28 गांवों की नहीं बदली तकदीर
जासं, भदोही : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आगमन जिले में तीसरी बार हो रहा है। जलनिकासी, पेयजल सहित विभिन्न बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे नगरीय क्षेत्र की जनता की आस जगी है। शासन प्रशासन की ओर से भले ही विकास के घोडे दौड़ाने के दावे किए जाते हों लेकिन वास्तविकता के धरातल पर स्थिति भिन्न है। दो साल से नगर का विकास कार्य पूरी तरह ठप है। 372 करोड़ के विकास कार्य अटके हैं।
सीवरेज, ड्रैनेज सहित विभिन्न कार्यों के लिए पालिका की ओर से शासन को भेजे गए एस्टीमेट की फाइल मंत्रालय में धूल फांक रही हैं। रिमाइंडर पर रिमाइंडर कराया गया लेकिन संज्ञान नहीं लिया गया। इसी तरह 10 माह पहले सीमा विस्तार के बाद शहर में शामिल किए गए 28 गांवों की तकदीर अभी तक नहीं बदल सकी। ब्लाक से निकलने गांवों की स्थित लावारिस हो गई है। कालीन उद्योग के माध्यम से प्रति वर्ष देश को पांच हजार करोड़ से अधिक विदेशी मुद्रा दिलाने वाले भदोही में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। नगर पालिका परिषद भदोही में सीवेरज सिस्टम पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है तो पेयजल, सड़क, नाली व प्रकाश व्यवस्था गांवों से भी बदतर हालत में है। हालात को सुधारने के लिए शासन की हरी झंडी के बाद पालिका बोर्ड ने सीवरेज के लिए 278 करोड़, ड्रैनेज के लिए 83 करोड़ व सड़कों के लिए 11 करोड़ का एस्टीमेट भेजा है।