कराहती रही प्रसव पीड़िता, नहीं मिली एंबुलेंस की सुविधा

एंबुलेंस चालकों के आंदोलन का दंश मरीजों को झेलना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 06:25 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 06:25 PM (IST)
कराहती रही प्रसव पीड़िता, नहीं मिली एंबुलेंस की सुविधा
कराहती रही प्रसव पीड़िता, नहीं मिली एंबुलेंस की सुविधा

जासं, सुरियावां (भदोही) : एंबुलेंस चालकों के आंदोलन का दंश मरीजों को झेलना पड़ रहा है। 102 एंबुलेंस सुविधा न मिलने से प्रसव पीड़िताओं को समय से अस्पताल न पहुंचने के लिए दिक्कत उठानी पड़ रही है। तबीयत खराब होने व अन्य कारणों से जरूरत पड़ने पर 108 एंबुलेंस की सहूलियत न मिलने से तड़पते मरीज किसी तरह निजी वाहन से अस्पताल पहुंच पा रहे हैं।

एजेंसी बदले जाने और अन्य मांगों को लेकर एंबुलेंस चालक दो दिनों से आंदोलित हैं। जहां-तहां एंबुलेंस खड़ाकर हड़ताल पर हैं। पूरे दिन मरीज काल करते रहे लेकिन कोई सुविधा नहीं मिल पाया। अपनी मांग पर अड़े आंदोलनरत एंबुलेंस कर्मी झुकने को तैयार नहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी चौकन्ना हो गए हैं। सीएमओ डा. संतोष कुमार चक ने बताया कि केवल एएलएस एंबुलेंस का मामला है। अभी तक वह नई एजेंसी को हैंडओवर नहीं किया है। बताया कि वर्तमान में एस्मा प्रभावी है। जिलाधिकारी की संस्तुति पर ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।

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केस - 1 - क्षेत्र के लालीपुर निवासी उर्मिला देवी सोमवार को प्रसव पीड़ा से कराह रही थी। जानकारी होने पर स्वजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाने की तैयारी किया। 102 एंबुलेंस के लिए कंट्रोल रूम फोन करने के बाद भी एंबुलेंस सुविधा नहीं मिल पाई। संपर्क करने पर एंबुलेंस कर्मी सिर्फ बहानेबाजी करते रहे। एंबुलेंस न मिलने से गर्भवती महिला की जान को आफत आ गई। स्वजन लाचार होकर निजी वाहन से महिला को अस्पताल पहुंचाया।

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केस - 2 - लालीपुर गांव की ही निवासी राजकुमारी देवी को भी प्रसव पीड़ा होने लगा। स्वजन एंबुलेंस 102 पर फोन कर परेशानी से अवगत कराकर वाहन की मांग की। कई बार फोन करने पर जल्द एंबुलेंस पहुंचने का आश्वासन तो मिला लेकिन एक घंटे तक मरीज को तड़पने के बाद भी एंबुलेंस नहीं मिला। अंत में निराश होकर स्वजन प्राइवेट वाहन से प्रसव पीड़िता को अस्पताल पहुंचाए।

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