कालीन नगरी भदोही पर बाल श्रम का बदनुमा दाग
जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) कालीन नगरी भदोही में बाल श्रम को लेकर बदनुमा दाग लग चुक
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : कालीन नगरी भदोही में बाल श्रम को लेकर बदनुमा दाग लग चुका है। कालीन कारखाना से जान बचाकर भागे तीन बाल मजदूरों ने विभागीय अधिकारियों और कालीन उद्यमियों की पोल खोल कर रख दी। मामले की जानकारी होते ही कालीन कंपनी के मालिक ने अन्य बच्चों को दूसरे ठिकाने पर भेज दिया। सीडब्ल्यूसी कोर्ट में बच्चों ने बयान दिया था कि कारखाना में और भी बच्चें हैं। बंधक बनाकर उनसे काम लिया जा रहा है। श्रम विभाग की टीम को पहुंचने में तीन घंटे लग गए। माना जा रहा है कि टीम समय से पहुंची होती तो बच्चे पकड़ में आ जाते।
जिले में होटल-ढाबा और ईंट भट्ठों के अलावा कालीन कारखानों में बच्चे काम करते दिख जाते हैं। आलम यह है कि जिलाधिकारी की ओर से गठित प्रशासनिक अधिकारियों की टीम कार्रवाई नहीं कर रही है। तमाम कोशिश के बाद भी कालीन नगरीय में बाल श्रम पर अंकुश नहीं लग रहा है। जिन हाथों में कलम और किताब होना चाहिए उन हाथों में खतरनाक यंत्र होते हैं। सरकार की ओर से भी खतरनाक कामों में बच्चों से लिए जा रहे कामों पर लगाम कसने के लिए कड़े कानून बनाए गए हैं। जिलाधिकारी की ओर से इसका पालन कराए जाने के लिए अलग-अलग गठित टीमें कागजों में ही सिमट कर रह गई हैं। पिछले दिनों भदोही आ रहे बाल मजदूरों को गाजीपुर में ही पकड़ लिया गया था। स्वजनों को सौंप दिया गया था।
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बल श्रमिकों का कराया गया मेडिकल परीक्षण
कालीन नगरीय भदोही में मुक्त कराए गए बाल मजदूरों को मेडिकल परीक्षण कराया गया। श्रम विभाग की टीम कालीन संचालक के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी में है। पूरी रिपोर्ट बनाकर जिलाधिकारी के यहां कार्रवाई के लिए भेजी जाएगी। संस्तुति मिलने के बाद वाद दर्ज कराया जाएगा। इसके साथ ही बच्चों को उनके परिवार को सौंप दिया जाएगा।