समेकित शिक्षा व नेतृत्व क्षमता विकास की सिखाई कला

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By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 Feb 2020 09:35 PM (IST) Updated:Tue, 18 Feb 2020 06:02 AM (IST)
समेकित शिक्षा व नेतृत्व क्षमता विकास की सिखाई कला
समेकित शिक्षा व नेतृत्व क्षमता विकास की सिखाई कला

जासं, ज्ञानपुर (भदोही) : शिक्षकों की समग्र उन्नति के लिए राष्ट्रीय पहल निष्ठा के तहत बीआरसी ज्ञानपुर में संचालित सातवें व अंतिम चरण प्रशिक्षण के तीसरे दिन सोमवार को शिक्षकों को आइसीटी का शिक्षण में अनुप्रयोग, लिग विभेदीकरण और पाक्सो एक्ट की बारीकियों के साथ कला समेकित शिक्षा और नेतृत्व क्षमता विकास की कला सिखाई गई।

प्रशिक्षक मानिकचंद्र यादव ने जानकारी दी कि आज के परिवेश में बच्चे टेलीविजन व मोबाइल में रुचि लेते हैं। यदि इसका समुचित प्रयोग शैक्षिक गतिविधियों में करे तो बच्चों का विद्यालय के प्रति आकर्षण बढ़ेगा। साथ ही वह सरलता, सहजता से पढ़ाई गई चीजें सीख सकेंगे। लिग विभेदीकरण और पाक्सो एक्ट की जानकारी दी। अतुल कुमार श्रीवास्तव ने पाठ्यचर्या और विज्ञान शिक्षण पर विस्तार से चर्चा की। आस-पास परिवेश में घट रही घटनाओं के जरिए प्रत्यक्ष रूप में दिखाकर, उनसे करके देखने के लिए व्यवस्था कर सहजता और सरलता से बच्चों का स्थाई शिक्षा दी जा सकती है। सरोज ने हिदी और अंग्रेजी भाषा की बारीकियां बताई। रामलाल सिंह यादव ने लीडरशिप की जानकारी दी। बताया कि अध्यापक में नेतृत्व क्षमता के साथ नेतृत्व क्षमता विकास करने का गुण होना अत्यंत आवश्यक है। शशांक शेखर राय और भोलानाथ सरोज ने भाषा शिक्षण व कला समेकित शिक्षा पर विस्तार से चर्चा की। प्रोजेक्टर और कंप्यूटर के माध्यम से लोगों को प्रशिक्षित किया गया। इस मौके पर गोपेश मिश्र, अखिलेश कुमार, राजनाथ यादव, मो. अख्तर रसूल अंसारी, बुद्धि प्रकाश मिश्र, सुधाकर पांडेय आदि थे।

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