निष्प्रयोज्य हो चुके हैं 10 करोड़ से बने सरकारी भवन

जिलाधिकारी कार्यालय के ठीक सामने 20 करोड़ की लागत से बने तीन सरकारी भवन निष्प्रयोज्य साबित हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 11:15 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 11:15 PM (IST)
निष्प्रयोज्य हो चुके हैं 10 करोड़ से बने सरकारी भवन
निष्प्रयोज्य हो चुके हैं 10 करोड़ से बने सरकारी भवन

उदासीनता--

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : जिलाधिकारी कार्यालय के ठीक सामने 20 करोड़ की लागत से बने तीन सरकारी भवन निष्प्रयोज्य साबित हो रहे हैं। अत्याधुनिक पोस्टमार्टम हाउस और जिला क्षय नियंत्रण कक्ष में जहां ताला लटका हुआ है तो वहीं बर्निंग वार्ड में स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों और कर्मियों ने आवास बना लिया है। अधिकारी भी जानते सब कुछ हैं लेकिन वह अंजान बने हुए हैं।

जिला मुख्यालय के ठीक सामने आठ बेड की क्षमता का चीरघर बनकर दो वर्ष से तैयार है। भवन निर्माण पर 65.73 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। विद्युत कनेक्शन के अलावा अन्य सुविधाओं से लैस कर दिया गया है लेकिन मानव संसाधन की कमी के चलते इसका संचालन नहीं हो पा रहा है। जानकारों का कहना है कि विभाग की लापरवाही के चलते इसका संचालन नहीं किया जा रहा है। अहम सवाल यह है कि जहां पर पोस्टमार्टम हाउस का संचालन किया जा रहा है वहां अभी कहां से कर्मचारी बुलाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की अड़ंगेबाजी के चलते यह सब कुछ हो रहा है। हकीकत यह है कि अभी तक विभाग के लोगों ने भवन को हैंडओवर भी नहीं किया। इसके अलावा करोड़ों रुपये खर्च कर जिला क्षय नियंत्रण कक्ष का भी निर्माण कराया जा चुका है। अधिकारियों की सुविधा को देखते हुए अभी भी यह कार्यालय महाराजा चेतसिंह जिला अस्पातल में संचालित किया जा रहा है। सीएमओ की सख्त हिदायत के बाद भी जिला क्षय अधिकारी कार्यालय को मुख्यालय नहीं ले गए बल्कि लाखों की मशीन भी यहीं स्थापित करा दिया गया। बर्निंग वार्ड की तो कहानी ही निराली है। यहां पर अभी कर्मचारी और चिकित्सक की तैनाती नहीं की जा सकी है। करोड़ों की लागत से तैयार भवन अफसरों को चुगली कर रहे हैं।

--------- - मोर्चरी हाउस बनकर तैयार है। मानव संसाधन के लिए प्रक्रिया चल रही है। स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती होने पर संचालन शुरु कर दिया जाएगा।

- डा. अमित दुबे, प्रभारी मुख्य चिकित्साधिकारी भदोही।

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