आपात सुविधा के नाम पर फिसड्डी

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर कोविड अस्पताल के साथ- साथ भले

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 04:42 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 04:42 PM (IST)
आपात सुविधा के नाम पर फिसड्डी
आपात सुविधा के नाम पर फिसड्डी

जासं, भदोही : कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर कोविड अस्पताल के साथ- साथ भले ही नान कोविड अस्पताल महाराजा बलवंत सिंह में आक्सीजन प्लांट स्थापित कर दिया गया लेकिन आपात सुविधा के नाम पर यह फिसड्डी साबित हो रहा है। बर्न केस, दुर्घटना में गंभीर रूप से घायलों की जान बचाने में यह अस्पताल नाकाम साबित हो रहा है। गंभीर रोगी देखते ही चिकित्सक रेफर पर्ची बनाने में जुट जाते हैं।

कालीन नगरी के प्रमुख राजकीय अस्पताल पर नगर की एक लाख से अधिक आबादी के साथ-साथ आस-पास के पांच दर्जन गांवों के रोगियों का दबाव है। वर्तमान समय अस्पताल की प्रतिदिन चार सौ से पांच तक ओपीडी है। अस्पताल में रोगियों का मेला लगा रहता है। गंभीर रोग के लिए यहां पर न तो दवाएं हैं न ही जांच की उत्तम सुविधा। शोपीस साबित हो रहा अल्ट्रासाउंड

पांच वर्ष पहले निवर्तमान सरकार में उपलब्ध कराया गया अल्ट्रासाउंड रेडियोलाजिस्ट के अभाव में शो पीस बना हुआ है। इस संबंध में विभागीय स्तर पर लिखा पढ़ी के बाद भी व्यवस्था नहीं हो सकी। परिणामस्वरूप गरीब रोगियों के लिए परेशानी का सबब साबित हो रही है। एकमात्र एक्स-रे मशीन भी अक्सर बीमार रहती है। -बर्न यूनिट का अभाव चिता का विषय

आम दिनों में औसतन 800 मरीजों की ओपीडी वाले राजकीय अस्पताल एमबीएस में बर्न यूनिट का अभाव गंभीर चिता का विषय बना है। माह में बर्न के दो चार केस आते हैं लेकिन चिकित्सक प्राथमिक उपचार के बाद तत्काल रेफर पर्ची पकड़ाने के लिए विवश हैं।

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