धरातल पर नहीं उतर सकी सालिड वेस्ट मैनेजमेंट स्कीम

---------- जागरण संवाददाता भदोही नगरीय क्षेत्रों को कूड़ामुक्त करने के लिए दो साल पहल

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 09:05 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 09:05 PM (IST)
धरातल पर नहीं उतर सकी सालिड वेस्ट मैनेजमेंट स्कीम
धरातल पर नहीं उतर सकी सालिड वेस्ट मैनेजमेंट स्कीम

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जागरण संवाददाता, भदोही : नगरीय क्षेत्रों को कूड़ामुक्त करने के लिए दो साल पहले बनाई गई सालिड वेस्ट मैनेजमेंट स्कीम धरातल पर नहीं उतर सकी। जबकि अधिकारियों द्वारा बरती जा रही उदासीनता का दंश जनता को भुगतना पड़ रहा है। शासन से हरी झंडी मिलने के बाद योजना को मूर्तरूप देने के लिए पिपरिस के बरखंडी गांव में 10 एकड़ भूमि चिहित की गई थी। छह माह पहले राजस्व विभाग द्वारा फाइल तैयार कर जिलाधिकारी से अनुमोदन भी करा लिया गया था। जमीन पालिका के नाम दर्ज हो चुकी है। पालिका का दावा है कि जमीन के कागजात कार्यदाई संस्था कंट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज (सीएनडीएस) को भेज दिया गया था, जिसे सीएनडीएस ने अपने लखनऊ स्थित मुख्यालय प्रेषित किया है। हालांकि योजना तभी परवान चढ़ेगी जब सीएनडीएस द्वारा स्टीमेट शासन को भेजा जाएगा। उधर स्थाई निस्तारण केंद्र के अभाव में नगरीय क्षेत्रों में तहां तहां कूड़े डंप किए जा रहे हैं जिससे वातावरण प्रदूषित हो रहा है।

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कूडा निस्तारण का नहीं है स्थाई प्रबंध

- जनपद में दो नगर पालिका भदोही व गोपीगंज के साथ नईबाजार, सुरियावां, ज्ञानपुर, घोसिया व खमरिया पांच नगर पंचायतें हैं। कूड़ा निस्तारण की स्थाई व्यवस्था किसी भी पंचायत अथवा पालिका क्षेत्र में नहीं हैं। खाली स्थानों पर कूड़ा डंप करने की परंपरा दशकों से चली आ रही है। इसके चलते लोगों को तमाम तरह की समस्याओं से दो चार होना पड़ रहा है।

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छह साल पहले भी मिली थी शासन से मंजूरी-

कालीन नगरी में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट (ठोस कूड़ा निस्तारण प्रबंधन) के लिए सात साल पहले तत्कालीन बोर्ड द्वारा प्रस्ताव भेजा गया था। वर्ष 2015 में इसे शासन की मंजूरी मिल गई थी। प्रशासन द्वारा क्षेत्र के पिपरिस गांव में 11 एकड़ भूमि का प्रबंध कर पालिका को सौंपा गया था। 11 फरवरी वर्ष 2016 को ग्रामीणों के भारी विरोध के बीच सीमांकन किया गया। हालांकि इसके बाद राजनीति गर्मा गई। ग्रामीणों के साथ कई संगठनों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इसके कारण परियोजना अधर में लटक गई। कार्यदाई संस्था सीएनडीएस के तत्कालिक प्रोजेक्ट मैनेजर बीएम वर्मा के अनुसार साढ़े दस एकड़ में 17.34 करोड की लागत से केंद्र का निर्माण कराया जाना था। इसके लिए छह करोड़ 90 लाख रुपया अवमुक्त हो गया था। इसे दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि योजना परवान नहीं चढ़ सकी।

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- मंगलवार को जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने इसका संज्ञान लेते हुए सालिड वेस्ट मैनेजमेंट स्कीम की प्रगति के बारे में पूछताछ की। इस संबंध में जल्द ही सीएनडीएस के अधिकारियों संग जिलाधिकारी ने बैठक करने का निर्णय लिया है। उम्मीद है योजना जल्द ही परवान चढ़ेगी। --- जी.लाल, ईओ नगर पालिका परिषद, भदोही

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