ओजोन परत के ह्रास पर वैज्ञानिकों ने जताई चिता
जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) विश्व ओजोन दिवस के मौके पर गुरुवार को भारतीय प्राणी सवे
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : विश्व ओजोन दिवस के मौके पर गुरुवार को भारतीय प्राणी सर्वेक्षण विभाग पोर्टब्लेयर से वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. सी. सिवापेरुमन की ओर से आयोजित वेबिनार में जुड़े विश्व भर के वैज्ञानिकों ने ओजोन परत के होते ह्रास पर चिता जाहिर की। इस संकट से निबटने के लिए तैयार होते हुए पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया।
जनपद के नेवादा निवासी भारतीय वैज्ञानिक अभियान दल अंटार्कटिका के सदस्य रामेंद्र उपाध्याय ने अंटार्कटिका में पिघलती ब़र्फ पर चिता जताई। और उपयोगी जानकारी दी। पर्यावरण संरक्षण के लिए हरितिमा संवर्धन के लिए प्रेरित किया। ओजोन के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि गर्मी के माह में ओजोन का ह्रास अपेक्षाकृत ते•ाी से होता है। ह्रास की दर प्रति दशक उत्तरी और दक्षिणी मध्य अक्षांश में लगभग पांच फीसद है। ह्रास की गति यही रही तो अगले 70 से 100 वर्ष में ओजोन परत लगभग 11 से 16 फीसद तक नष्ट हो जाएगा। उन्होंने जानकारी दी कि सितम्बर 2006 तक अंटार्कटिका के उपर ओजोन की परत में 40 फीसद की कमी पाई गई थी। जिसे ओजोन छिद्र का नाम दिया गया था। वर्ष 2020 में संपूर्ण विश्व में लाकडाउन के कारण में ओजोन छिद्र में काफी सुधार हुआ, लेकिन अब फिर से तेजी से बढ़ने लगा है। इसे रोकने के लिए पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले समस्त कारकों प्लास्टिक, पालीथिन का प्रयोग कम करना होगा। पौध लगाकर उसे बचाना होगा। उन्होंने बताया कि भारतीय प्राणी सर्वेक्षण विभाग गोवा से डा. धृति बनर्जी, मौसम विभाग दिल्ली से डा. विजय कुमार सोनी, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय से वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. परबीर जी ने वेबिनार से जुड़कर अपने शोध कार्यों से सभी को अवगत कराया।