स्वास्थ्य केंद्रों से लाखों की सैनिटाइजर मशीन गायब

स्वास्थ्य विभाग खरीद-फरोख्त को लेकर हर समय सुर्खियों में र

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 06:16 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 06:16 PM (IST)
स्वास्थ्य केंद्रों से लाखों की सैनिटाइजर मशीन गायब
स्वास्थ्य केंद्रों से लाखों की सैनिटाइजर मशीन गायब

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : स्वास्थ्य विभाग खरीद-फरोख्त को लेकर हर समय सुर्खियों में रहा है। यही कारण रहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में हुए घोटाले को लेकर सीबीआइ भी सीएमओ दफ्तर धमक चुकी है। वैश्विक महामारी में भी इस तरह की मनमानी पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए खरीदी गई लाखों की मशीन गायब हो गई।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोपीगंज में लगाई गई इलेक्ट्रानिक सैनिटाइजर मशीन महज सात दिन में ही खराब हो गई थी। मशीन लगने के बाद ही अधीक्षक डा. आशुतोष पांडेय की ओर से मुख्यालय को कई बार सूचना भी दे गई थी। इसके बाद भी सैनिटाइजर मशीन ठीक नहीं कराई गई। इसके अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी लगी मशीनें कुछ दिन तक तो काम की लेकिन बाद में खराब हो गईं। अनलॉक होते ही लाखों रुपये खर्च कर खरीदी गई मशीन गायब हो गई। अब वह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर दिखाई नहीं देती हैं। यहां लगाई गई थीं मशीनें

शासन की ओर से कोविड अस्पताल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डीघ और गोपीगंज, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भदोही, सुरियावां और महाराजा बलवंत सिंह अस्पताल में इलेक्ट्रानिक मशीनें लगाई गई थीं। स्वचालित मशीन में प्रवेश करते ही सैनिटाइज करने की व्यवस्था थी। सवाल यह है कि आखिर शासन की ओर से जारी बजट संसाधनों को मजबूत करने लिए मिलते हैं। इस तरह धांधली कर अधिकारी और कर्मचारी भले लाल हो गए लेकिन कोरोना संक्रमण पर अंकुश नहीं लगा। शासन और माननीयों ने दी थी निधि

कोविड-19 को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग में संसाधनों को मजबूत करने के लिए शासन और माननीयों ने खुले दिल से अपनी निधि से बजट दिया था। सांसद रमेशचंद बिद ने एक करोड़ रुपये दिए थे। इसी बजट से बेड आदि खरीदे गए। ज्ञानपुर विधायक विजय मिश्र, भदोही विधायक रवींद्रनाथ त्रिपाठी, औराई विधायक दीनानाथ भाष्कर ने भी निधि से बजट दिया था। बजट में व्यापक स्तर पर धांधली की गई लेकिन अभी तक आडिट नहीं कराई जा सकी। भाजपा नेता को शिकायत करना पड़ा महंगा

स्वास्थ्य विभाग में खरीद- फरोख्त की शिकायत करना भाजपा नेता को महंगा पड़ गया। उन्होंने मुख्यमंत्री से सैनिटाइजर, मास्क और पल्स आक्सीमीटर आदि की खरीद में की गई धांधली की शिकायत की थी। इसकी जांच उप निदेशक मीरजापुर मंडल को सौंपी गई थी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मियों ने दुस्साहसिक तरीके से भाजपा नेता के वाहनों का टेंडर ही निरस्त कर दिया। दबाव बनाने लगे कि शिकायत वापस लिजिए अथवा शपथपत्र दे दीजिए। आखिरकार मामले में स्वास्थ्य मंत्री तक को हस्तक्षेप करना पड़ा। विधायक निधि से मास्क आदि खरीद के लिए बजट दिया गया था। निधि खर्च करने और उसकी मानीटरिग की जिम्मेदारी डीएम की होती है। मास्क आदि खरीदे गए थे। विभाग के लोगों ने कुछ हमें भी उपलब्ध कराया था। जिसे जनता में बांटा गया था। किस तरह की मनमानी की जा रही है। यह खुद डीएम को देखना चाहिए।

दीनानाथ भाष्कर, विधायक औराई। कोविड-19 अथवा अन्य योजनाओं में शासन से मिले उपकरण आदि सामग्री गोदामों से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भेज दिया जाता है। उसके रख-रखाव और देखभाल की जिम्मेदारी केंद्र प्रभारी की है। सैनिटाइजर मशीनें स्वास्थ्य केंद्रों में लगी होंगी। इस संबंध में अधीक्षकों से रिपोर्ट मांगी जाएगी।

डा. लक्ष्मी सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी।

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