वर्चुअल कारपेट फेयर में जान फूंकेगा रेयान
अगस्त के अंतिम सप्ताह में होने वाले इंटरनेशनल कारपेट वर्चुअल फेयर की तैयारी में निर्यातक जुट गये हैं। गोपीगंज के एक बड़े निर्यातक द्वारा यूरोपियन संस्कृति पर आधारित रेयान कारपेट तैयार किया फेयर में जान फूंकने की तैयारी की जा रही है। इसके लिये उन्होंने जर्मनी के प्रख्यात डिजाइनर की मदद ली है। ऊल व सिल्क से तै
जागरण संवाददाता, भदोही : अगस्त के अंतिम सप्ताह में होने वाले इंटरनेशनल कारपेट वर्चुअल फेयर की तैयारी में निर्यातक जुट गए हैं। गोपीगंज के एक बड़े निर्यातक द्वारा यूरोपियन संस्कृति पर आधारित रेयान कारपेट तैयार किया गया है। इससे फेयर में जान फूंकने की कोशिश है। इसके लिए उन्होंने जर्मनी के प्रख्यात डिजाइनर की मदद ली है।
ऊल व सिल्क से तैयार होने वाला यह कालीन महंगा जरूर है लेकिन मेले में आयातकों के आकर्षण का केंद्र जरूर बनेगा। इसी और भी डिजाइन व कलेवर में तैयार कालीनों को उतारने में निर्यातक लगे हुए हैं।
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लॉकडाउन में नुकसान के बाद
दिख रहा सुनहरा अवसर
पहले से ही मुश्किल दौर से गुजर रहे कालीन उद्योग लॉकडाउन ने काफी नुकसान पहुंचाया है। ऐसे दौर में कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) की ओर से वर्चुअल फेयर के जरिए इंटरनेशनल मार्केट में पकड़ बनाए रखने की तैयारी को निर्यातक एक सुनहरे अवसर के रूप में देख रहे हैं। आयातक ग्राहकों को आकर्षित कर अधिक से अधिक आर्डर हासिल कर लेने की कोशिश में निर्यातक फैंसी व नई डिजाइनों के सेंपल तैयार कर रहे हैं। जर्मनी के प्रख्यात डिजाइनर की मदद से इटैलियन व फ्रेंच डिजाइनों को मिक्स कर ऊल व सिल्क से तैयार यह कालीन महंगी जरूर है लेकिन निर्यातक को पूरा भरोसा है कि ग्राहकों को आकर्षित करने में सफल होगी।
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कैमरे की नजर में दिखेगा हिरन
आमतौर पर देखने में यह सामान्य कालीन लगेगी लेकिन कैमरे की नजर से देखा जाए तो कालीन में हिरन की तस्वीर नजर आएगी। जो ग्राहक को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल होगी। वर्चुअल फेयर के दौरान ग्राहक कैमरे की नजर से ही कालीनों का अवलोकन करेंगे। ऐसे में उनके लिए यह डिजाइन चौंकाने वाली होगी।
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- हाई क्वालिटी ऊल व सिल्क से तैयार की गई यह कालीन आम कालीनों के मुकाबले महंगी होगी। इसमें अधिक कास्ट आने से इसकी कीमत 425 डालर यानी लगभग 26 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर पड़ेगी। विश्व बाजार में सुंदर व नई डिजाइन की कालीनों को पसंद करने वाले ग्राहकों की कमी नहीं है। वैश्विक मंदी का दौर होने के बावजूद अच्छी चीजों की कीमत में कोई कमी नहीं है। ऐसे में उनके सामने परोसने के लिए कुछ विशेष होना चाहिए। संजय गुप्ता, कालीन निर्यातक