मॉडल गांवों की मिट्टी में कम मिला जीवांश

मिट्टी की गुणवत्ता को सुधारने को लेकर तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। मिट्टी की जांच कर मृदा कार्ड वितरित कर देने का विभाग दावा भी कर रहा है। इसके बाद भी मिट्टी की सेहत नहीं सुधर रही है। यहां तक की जीवांश कार्बन की मात्रा नहीं बढ़ रही है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Oct 2019 08:05 PM (IST) Updated:Thu, 17 Oct 2019 08:05 PM (IST)
मॉडल गांवों की मिट्टी में कम मिला जीवांश
मॉडल गांवों की मिट्टी में कम मिला जीवांश

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : मिट्टी की गुणवत्ता को सुधारने को लेकर तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। मिट्टी की जांच कर मृदा कार्ड वितरित कर देने का विभाग दावा भी कर रहा है। इसके बाद भी मिट्टी की सेहत नहीं सुधर रही है। यहां तक की जीवांश कार्बन की मात्रा नहीं बढ़ रही है। जिले में चयनित किए गए प्रत्येक ब्लाक के मॉडल गांवों की मिट्टी तक में जीवांश कार्बन की मात्रा कम मिली है। अधिकांश मिट्टी नमूनों में उपजाऊ मिट्टी के लिए जरूरी जीवांश कार्बन की मात्रा 0.8 होनी चाहिए जो 0.1 से 0.2 तक ही आ रही है। इसी तरह मिट्टी में मुख्य पोषक तत्व नाइट्रोजन, फास्फोरस व पोटास का अनुपात 4.2.1 का होना चाहिए जो 8.3.1 है। जो आधे से भी कम है। यदि इसे संतुलित करने का प्रयास नहीं किया गया तो मिट्टी ऊसर में बदलते देर नहीं लगेगी।

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764 मृदा नमूनों की कराई गई जांच

माडल गांव के रूप में चयनि अभोली ब्लाक के मानीडीह में 101, भदोही के अहरा में 202, सुरियावां के हरजूपुर से 46, औराई के चकहरदत्त बंद से 40, डीघ के मरसड़ा व ज्ञानपुर ब्लाक के चितईपुर गांव से 175 नमूने लेकर जांच कराई गई। सभी नमूनों में जीवांश कार्बन की मात्रा कम मिली है। मृदा प्रयोगशाला के प्रभारी शिवनाथ सिंह ने बताया कि किसानों को कार्ड वितरित किया जा रहा है। जीवांश कार्बन की मात्रा कैसे बढ़ेगी इसके लिए सभी ग्राम पंचायतों में तीन मेले आयोजित कर किसानों को जानकारी दी जाएगी।

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रसायनिक उर्वरक असंतुलित प्रयोग से आ रही समस्या

अधिक उत्पादन की लालसा में जैविक उर्वरकों (गोबर की खाद, हरी खाद) के उपयोग की अनदेखी व रसायनिक उर्वरकों का अंधाधुंध प्रयोग से उपजाऊ मिट्टी में जीवांश कार्बन की मात्रा घटती जा रही है।

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मिट्टी के लिए जरूरी पोषक तत्व

मुख्य पोषक तत्व : नाइट्रोजन, फास्फोरस व पोटास।

द्वितीय पोषक तत्व : सल्फर।

सूक्ष्म पोषक तत्व : जिक, लोहा, मैगनीज, तांबा, बोरान।

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कैसे बढ़ेगा जीवांश कार्बन

मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाए रखने के लिए जरूरी जीवांश कार्बन की मात्रा को जैविक व गोबर की सड़ी खाद का अधिकाधिक प्रयोग जरूरी है। किसान गोबर की सड़ी खाद, सनई, ढैंचा से तैयार हरी खाद का अधिकाधिक प्रयोग करें। बताया कि इसके साथ ऊर्द, मूंद आदि की खेती के दौरान पौधों को जड़ से उखाड़ने के बजाय फलियां तोड़कर पौधों की खेत में ही जोताई करा देने से उर्वरा शक्ति में वृद्धि होगी।

-शिवनाथ सिंह, प्रभारी, मृदा प्रयोगशाला

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