68 लाख से तैयार एमआरएफ सेंटर को संचालन का इंतजार
जासं भदोही शासन की लाख कवायद के बाद भी नगरीय क्षेत्रों में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था नह
जासं, भदोही : शासन की लाख कवायद के बाद भी नगरीय क्षेत्रों में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। ठोस कूड़ा निस्तारित करने के लिए शासन से स्वीकृत सालिड वेस्ट मैनेजमेंट स्कीम दो साल से अधर में लटकी है जबकि यहां पर तैयार मैटेरियल रिकवरी फैसेलिटी (एमआरएफ) सेंटर का भवन दस माह से बनकर तैयार है लेकिन इसका उपयोग नहीं किया जा रहा है।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत गीला व सूखा कूड़ा अलग कर उपयोगी बनाने के लिए 34-34 लाख में भदोही व नईबाजार में एमआरएफ सेंटर का निर्माण कराया जाना है। नवनिर्मित भवन का रंग उड़ने लगा है जबकि आसपास से झाड़ियां उग आईं हैं लेकिन संचालन नहीं हो सका। निकाय अधिकारियों की उदासीनता के मद्देनजर सार्वजनिक शौचालयों की तरह एमआरएफ सेंटर शो पीस बना हुआ है। नगरीय क्षेत्रों को साफ सुथरा रखने के उद्देश्य से शासन ने दो साल पहले यह योजना बनाई थी। इस बीच लाकडाउन के कारण धन उपलब्धता में विलंब हुआ। जुलाई 2020 में शासन से धन मिलने के बाद भदोही के मामदेवपुर व नईबाजार के शिवाजीनगर में एमआरएफ सेंटर का निर्माण शुरू कराया गया। दिसंबर-2020 में इसे पूरा कराने का लक्ष्य था लेकिन विभिन्न कारणों से देरी होती गई। फरवरी 2021 में दोनों सेंटर बनकर तैयार हो गए थे।
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क्या है सरकार की योजना
घरों से निकलने वाले कूड़े को एमआरएफ सेंटर तक पहुंचाया जाएगा। कर्मचारी गीले और सूखे कूड़े को अलग करेंगे। गीले कूड़े का खाद बनाने में उपयोग किया जाएगा। जबकि सूखे कूडे़, लोहा-लक्कड़ व रद्दी की बाजार में बिक्री की जाएगी। इससे मिलने वाले धन का उपयोग नगर के विकास में किया जाएगा।
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शासन द्वारा अधिकृत संस्था के कर्मचारी पालिका के माध्यम से घर घर जाकर कूड़ा जमा करेंगे। उपयोग वाले कूड़े को जमा कर उनकी बिक्री की जाएगी। इसका भवन बनकर तैयार है। मशीन क्रय के लिए धन की आवश्यकता है। मशीन लगने व संस्था के अधिकृत होते ही संचालन शुरू किया जाएगा।
-जी लाल, अधिशासी अधिकारी, भदोही नगर पालिका परिषद