पहाड़ों में बारिश, गंगा की लहरों ने बढ़ाई धड़कन

--------- जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश्

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 04:33 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 04:33 PM (IST)
पहाड़ों में बारिश, गंगा की लहरों ने बढ़ाई धड़कन
पहाड़ों में बारिश, गंगा की लहरों ने बढ़ाई धड़कन

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जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश ने जहां कुछ प्रदेशों में उफनाई नदियों ने कहर बरपाया हुआ है। जान-माल को सुरक्षित करने के प्रयास में लोग सुरक्षित स्थानों पर पलायन को मजबूर हो रहे हैं। तो वहीं जिले में भी गंगा ने आंख तरेरनी शुरू कर दी है। गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा है। जलस्तर को बढ़ते देख जिले के डीघ व औराई ब्लाक के अंतर्गत गंगा तटवर्ती 45 गांवों के लोगों की धड़कनें भी तेज हो उठी है। उधर जलस्तर में हो रहे बढ़ाव को देखते हुए जिला प्रशासन भी सतर्क हो उठा है। संबंधित सभी विभागों को किसी भी विषम स्थिति से निबटने को लेकर अलर्ट कर दिया गया है।

सीतामढ़ी स्थित केन्द्रीय जल आयोग के रीडिग कार्यालय द्वारा गुरुवार को गंगा का जलस्तर सामान्य 64.800 मीटर से बढ़कर शाम तक 70.650 मीटर तक पहुंच गया था। जबकि सुबह जलस्तर बढ़कर 71.040 मीटर पर पहुंच चुका है। बढ़ाव प्रति घंटे एक सेमी की रफ्तार से जारी रहा। हालांकि अभी वर्ष 2013 में 26 अगस्त को गई अधिकतम रीडिग 81.200 मीटर से करीब 10 मीटर नीचे हैं। बावजूद इसके गंगा किनारे बसे गांव के लोगों की धड़कन बढ़ी हुई है। उधर गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने स्थापित बाढ़ चौकियों को सक्रिय करते हुए बचाव व राहत में लगने वाले सभी अधिकारियों को अलर्ट कर दिया है।

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इन गांवों के लोगों की उड़ जाती है नींद

- वैसे तो जीवनदायिनी गंगा का किनारा किसानों को बहुत भाता है पर जब बाढ़ की भनक लगती है, तो रातों की नीद उड़ जाती है। डीघ ब्लाक के कोनिया क्षेत्र के दर्जनों गांव डीघ, इटहरा, कलिक, मवैया, छेछुआ, भोरा, गजाधरपुर, तुलसीकला, धनतुलसी, भभौरी, बहपुरा, कूडी कटान की जद में आते हैं। इन गांवों की उपजाऊ जमीन हर वर्ष की कटान के चलते गंगा में समाहित हो जाती है। अब तक सैकड़ों एकड़ भूमि गंगा के पानी में समाहित होकर बर्बाद हो चुकी है।

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193 गांवों में स्थापित होती है 24 चौकियां

- जनपद में गंगा तटवर्ती सहित जल प्लावन से प्रभावित 193 गांवों के बचाव के लिए प्रशासन की ओर से 24 बाढ़ चौकियों स्थापित की जाती हैं। जिसके माध्यम से कड़ी चौकसी रखा जाता है।

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