28 माह से बंद है रेलवे फाटक, दर्द झेल रहे हैं दुकानदार
ओवरब्रिज निर्माण के चलते गजिया का बाजार की रौनक लुप्त हो गई है। 28 माह पहल
जासं, भदोही : ओवरब्रिज निर्माण के चलते गजिया का बाजार की रौनक लुप्त हो गई है। 28 माह पहले रेलवे फाटक बंद होने के बाद से 85 दुकानदारों का कारोबार लगभग ठप है। पहले से परेशानहाल दुकानदार अब जल जमाव का दंश झेल रहे हैं। ब्रिज के नीचे दोनों पटरियों पर जल जमाव होने के कारण रही सही कसर भी पूरी हो गई। रेलवे फाटक जहां पहले से बंद है वहीं तीन माह से लिप्पन तिराहे की ओर से आवागमन ठप कर दिया गया है। इसके कारण लोगों के सामने गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। आवागमन बंद होने के कारण ग्राहकों की आमद ठप हो गई है। ऐसे में दुकानदार दिन भर बैठे समय काट रहे हैं।
गजिया शहर के प्रमुख बाजारों में गिना जाता था। नेशनल, रजपुरा क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में गजिया जाकर आवश्यक सामानों की खरीदारी करते थे लेकिन अप्रैल 2019 में रेलवे द्वारा अपने हिस्से का काम शुरू करने से पहले रेलवे फाटक बंद करा दिया। इसी के साथ शहर के दक्षिणी क्षेत्र के ग्राहकों की आमद बंद हो गई। बावजूद इसके लोग जैसे- तैसे काम चला रहे थे। तीन माह पहले ब्रिज का निर्माण प्रारंभ होने के बाद लिप्पन तिराहे का मार्ग ठप कर दिया है। बारिश शुरू होने के बाद जलजमाव की समस्या आड़े आ गई। निकासी न होने के कारण बिन बरसात ही पानी लगा रहता है। इसके कारण पैदल ग्राहकों का आवागमन भी ठप हो गया।
क्या कहते हैं दुकानदार
जब से ओवरब्रिज का निर्माण शुरू हुआ है तब से दुकानदारी प्रभावित है। अब ब्रिज का काम पूरा होगा तब पूरा होगा, इसी आस में वह लोग गंभीर संकट झेलने के बाद भी अपनी जगह कायम हैं।
चित्र- 22-राजेंद्र कुमार।
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रेलवे फाटक जब तक खुला था तब तक तो राहत थी लेकिन जैसे ही इधर से आवागमन बंद हुआ दुकानदारी भी चौपट हो गई। आजकल तो यह हाल है कि दिन भर में बोहनी भी हो जाए तो बडी बात है। चित्र 23-संतोष कुमार।
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सृजन के लिए विनाश जरूरी है लेकिन ऐसा विनाश नहीं होना चाहिए कि रोजी रोटी ठप हो जाए। इस समय गजिया के लगभग सभी दुकानदारों का यही हाल है। दुकानदारी प्रभावित होने से एक-एक दिन भारी पड़ रहा है।
चित्र- 24-शिवम गुप्ता।
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प्रशासन दुकानदारों की समस्या से पूरी तरह अनभिज्ञ है जबकि जल्द से जल्द ब्रिज निर्माण का कार्य संपन्न कर लोगों को राहत प्रदान करने के लिए सोचना जरूरी है। छोटे कारोबारियों के समक्ष भुखमरी का संकट उत्पन्न हो जाएगा।
25-वरुण विश्वकर्मा।